मंजू-दीपा की डीएनए जांच को लिया सैंपल

झंझारपुर के निजी क्लिनिक में प्रसव के बाद बच्चा बदल लेने का है मामला मधुबनी :विशेष दत्तक ग्रहण केंद्र में पल रहे 22 माह की बच्ची दीपा व झंझारपुर निवासी दिलीप महतो की पत्नी मंजू देवी के डीएनए की जांच के लिए ब्लड सदर अस्पताल में शनिवार को लिया गया. झंझारपुर थाना के एसआई राजकिशोर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 25, 2019 2:56 AM

झंझारपुर के निजी क्लिनिक में प्रसव के बाद बच्चा बदल लेने का है मामला

मधुबनी :विशेष दत्तक ग्रहण केंद्र में पल रहे 22 माह की बच्ची दीपा व झंझारपुर निवासी दिलीप महतो की पत्नी मंजू देवी के डीएनए की जांच के लिए ब्लड सदर अस्पताल में शनिवार को लिया गया. झंझारपुर थाना के एसआई राजकिशोर प्रसाद मंजू देवी को लेकर झंझारपुर से सदर अस्पताल आये थे. वहीं बच्ची दीपा को विशेष दत्तक ग्रहण से सहायक प्रेम कुमार व आया लीला देवी सदर अस्पताल लाए थे. दोनों का डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल लिया गया.
क्या है मामला : 20 अक्टूबर 2017 को झंझारपुर स्थित भगवती सेवा सदन निजी क्लिनिंक में झंझारपुर निवासी दिलीप महतो अपनी पत्नी मंजू देवी को प्रसव के लिए दोपहर तीन बजे लाए थे. शाम चार बजे मंजू देवी को प्रसव हुआ. दिलीप महतो के अनुसार प्रसव के बाद सेवा सदन क्लिनिक के चिकित्सक एवं एएनएम द्वारा उन्हें पुत्र होने की सूचना दी गयी.
फिर चिकित्सक द्वारा बच्चा कमजोर होने की बात कह कर उसे एसएनसीयू में रखने की बात कही. 20 अक्तूबर को ही झंझारपुर के मो. जहांगीर अपनी पत्नी आसमा खातून को उसी निजी नर्सिंग होम में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया. उसी रात 11 बजे दिलीप महतो को क्लिनिक के चिकित्सक द्वारा बताया गया कि उन्हें लड़की हुआ है. इस पर दिलीप महतो व उसके परिजन एवं निजी क्लिनिक प्रबंधन के बीच काफी हंगामा हुआ था.
पुलिस के आने के बाद हंगामा शांत होने पर दिलीप महतो ने बच्ची को लेने से इंकार करते हुए कहा था कि उनकी पत्नी ने लड़का को जन्म दिया है उन्हें लड़का चाहिए. पुलिस ने तत्काल उस बच्ची को विशेष दत्तक ग्रहण संस्थान को सौंप दिया. दिलीप महतो के अनुसार उनके नवजात लड़के को मो. जहांगीर की पत्नी आसंमा खातून को दे दिया गया. दिलीप महतो द्वारा संस्थान द्वारा बच्चा बदल लेने का आरोप लगाते हुए थाना, अनुमंडल, एसपी, डीएम व कोर्ट की शरण में न्याय के लिए गुहार लगायी.
पूर्व में भी हो चुका डीएनए सैंपल के लिए टेस्ट : पूर्व में 5 सितंबर 2018 को भी न्यायालय के आदेश पर जहांगीर, आसमा खातून, बच्चा मो. जमाल, दिलीप महतो, मंजू देवी एवं बच्ची दीपा का डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लिया गया था. उस समय कानूनी प्रक्रिया कहें या पुलिस, अथवा अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही डीएनए सैंपल का देर से लेबोरेटरी पहुंचने के कारण लैब द्वारा उसे लौटा दिया गया है. फिर न्यायालय के आदेश पर डीएनए सैंपल लिया गया है.

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