विभागों को राहत, आम लोगों पर हो रही कड़ाई
मधुबनी : एक ओर जहां सरकार बिजली विभाग को लक्ष्य के अनुरूप वसूली नहीं कर पाने के लिए अब लोगों को दी जा रही बिजली कटौती तक की तैयारी करने में लगा है. वहीं अब तक सरकारी कार्यालयों के द्वारा ही विभाग को बकाया पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार […]
मधुबनी : एक ओर जहां सरकार बिजली विभाग को लक्ष्य के अनुरूप वसूली नहीं कर पाने के लिए अब लोगों को दी जा रही बिजली कटौती तक की तैयारी करने में लगा है. वहीं अब तक सरकारी कार्यालयों के द्वारा ही विभाग को बकाया पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार बिजली विभाग का विभिन्न सरकारी कार्यालयों पर करीब 12 करोड़ से अधिक का बकाया है. जिसका भुगतान बार बार पत्र निर्गत करने के बाद भी नहीं किया जा रहा.
सरकारी विभाग से नहीं आ रहा राजस्व . राजस्व पदाधिकारी अंजुम ने बताया कि सरकारी कार्यालयों व अधिकारियों के आवास पर बिजली विभाग का 12 करोड़ से ज्यादा रुपये बकाया है. मार्च माह में 8 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य विभाग द्वारा दिया गया है. लेकिन 22 मार्च तक सरकारी कार्यालय व सरकारी भवन से सिर्फ 10 लाख रुपये ही वसूल किया गया है. अंजुम ने बताया कि सरकारी विभाग व आवास पर बकाया को लेकर विभाग द्वारा दो माह पूर्व ही विपत्र भेजा जा चुका है. लेकिन किसी विभाग से राशि नहीं भेजी जा रही है. अंजुम ने बताया कि विपत्र की राशि भुगतान करने को लेकर विभाग के पास आवंटन नहीं है.
आम लोगों से वसूले गये छह करोड़ रुपये
वहीं आम उपभोक्ता से इस माह में 12 करोड़ वसूली का लक्ष्य दिया गया है. इसके विरुद्ध विभाग द्वारा अभी तक 6 करोड़ रुपये वसूल हो पाया है. विभाग के कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार ने बताया कि बिजली विभाग आम उपभोक्ता से राशि वसूल कर लेती है. लेकिन सरकारी भवन और कार्यालय से नियमित भुगतान नहीं होने के कारण बिजली विभाग को प्रत्येक माह करोड़ों रुपये का घाटा लगता है.
बंदी में भी खुला रहा कार्यालय. राजस्व वसूली को लेकर बिजली विभाग का कार्यालय बंदी के बाद भी गुरुवार को खुला रहा. विभाग द्वारा राजस्व वसूली को लेकर चार काउंटर खोला गया था. विभाग के राजस्व पदाधिकारी इकवाल अंजुम ने बताया कि गुरुवार को कुल 306 उपभोक्ता ने अपना विपत्र का राशि जमा किया.
सरकारी कार्यालयों की कटेगी बिजली
बकाये भुगतान नहीं करने के मामले को अब बिजली विभाग ने भी गंभीरता से लिया है. विभाग अब हर उस सरकारी कार्यालयों व अधिकारियों के आवास का लाइन 31 मार्च तक के बाद काटने का निर्णय कर चुका है, जिसके उपर पांच हजार से अधिक का बकाया होगा. यदि इस पर बिजली विभाग की पहल सही में हुइ तो जिले के अधिकांश अधिकारी व सरकारी कार्यालयों में अंधेरा छा जायेगा. कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार ने कहा कि अगर 31 मार्च तक सरकारी भवन व कार्यालय से बकाया के विरुद्ध 80 फीसदी भुगतान नहीं आया तो अप्रैल के प्रथम सप्ताह में 5 हजार से ज्यादा जिस विभाग पर होगा उसका लाइन काटने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
