Madhubani News : स्वतंत्रता सेनानी सहित कई ट्रेनों का विलंब से हो रहा परिचालन
एक ओर कंपकंपा देनेवाली ठंड का कहर तो दूसरी ओर ट्रेनों का बिलंब से परिचालन, ऐसे में परदेश से आने व जाने वाले यात्रियों को इन दिनों प्रकृति की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.
मधुबनी.
एक ओर कंपकंपा देनेवाली ठंड का कहर तो दूसरी ओर ट्रेनों का बिलंब से परिचालन, ऐसे में परदेश से आने व जाने वाले यात्रियों को इन दिनों प्रकृति की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. इस बीच लंबी दूरी की कई ट्रेनों का घंटों विलंब से परिचालन हो रहा है. आलम यह है कि बुधवार को नयी दिल्ली – जयनगर स्वतंत्रता सेनानी सुपर फास्ट एक्सप्रेस तय समय शाम 6:34 बजे से 12 घंटे विलंब होकर गुरुवार की सुबह 6:40 बजे पहुंची. रविवार को लोकमान्य तिलक टर्मिनल जयनगर पवन एक्सप्रेस तय समय रात 12:40 से 3 घंटा बिलंब हो कर सुबह 3:40 बजे पहुंची. रविवार को ही अमृतसर जयनगर सरयू यमुना एक्सप्रेस तय समय रात 11:30 बजे से 3 घंटे विलंब होकर सोमवार की सुबह 2:30 पंहुची. मौसम विभाग से मिली जानकारी अनुसाऱ अगले चार-पांच दिनों तक मौसम ऐसे ही रहने की संभावना है.जिला सहित राज्य में बढ़ते प्रदूषण के स्तर से हर लोग चिंतित है. एक तो ठंड का मौसम और दूसरी ओर प्रदूषण के कारण सांस की बीमारी एलर्जी, अस्थमा, टीबी आदि से ग्रसित मरीज चिंतित हैं. ठंड और प्रदूषण से अस्थमा, सांस लेने में परेशानी एवं एलर्जी की समस्याएं बढ़ जाती है. प्रदूषण की वजह से अस्थमा रोगियों में हांफने और बेचैनी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. वहीं सामान्य लोग सर्दी, खांसी, नाक से पानी आने जैसी समस्याओं से ग्रसित हो रहें हैं. बढ़ते प्रदूषण के कारण आंखों से पानी आना, आंखों में खुजली आदि की समस्या आम हो जाती है. ऐसे में सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है. ताकि प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचा जा सके.
सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर विनय कुमार ने कहा कि सांस की बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए ठंड का मौसम परेशानियों का सबब बन जाता है. ऐसे में अस्थमा एवं सांस से जुड़े अन्य रोगों से ग्रसित लोगों के लिए यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है. सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर विनय कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में प्रदूषण की अधिकता के कारण लोगों को सुबह मॉर्निंग वाक पर निकलने से परहेज करना चाहिए. खासकर अस्थमा एवं ह्रदय रोग से ग्रसित लोगों को सर्दियों के मौसम में सुबह की सैर करना स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को बढ़ा सकता है. उन्हें सांस की समस्या के साथ साथ एलर्जी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि यदि सुबह बाहर निकलना जरूरी हो तो मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें.डॉ. विनय कुमार बताते हैं कि प्रदूषण, धूलकण, पत्थर एवं एस्बेस्टस की धूल तथा कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के कारण फेफड़ों में सिकुड़न की समस्या (फाइब्रोसिस) बढ़ जाती है. लंबे समय तक सूखी खांसी, चलने में हांफना और दम फूलना इसके लक्षण हैं. चिकित्सक बताते हैं कि धूम्रपान करने वाले लोगों में यदि खांसी के साथ कभी खून आये तो उन्हें फेफड़े के कैंसर की जांच करानी चाहिए. जिन लोगों को एलर्जी, खांसी की समस्या है उन्हें कोल्ड ड्रिंक के सेवन, ठंडा पानी, दही के सेवन से बचना चाहिए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
