Madhubani News : 31 मार्च तक बकाया होल्डिंग टैक्स चुकाने पर 100 फीसदी ब्याज माफ

बकाया होल्डिंग टैक्स (प्रॉपर्टी टैक्स) के बकायेदारों के लिए नगर निगम ने बड़ी राहत दे रही है.

By GAJENDRA KUMAR | November 25, 2025 10:48 PM

मधुबनी.

बकाया होल्डिंग टैक्स (प्रॉपर्टी टैक्स) के बकायेदारों के लिए नगर निगम ने बड़ी राहत दे रही है. नगर विकास व आवास विभाग की विशेष पहल पर शहर में वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) योजना लागू की है. इसके तहत शहरवासियों को बकाया होल्डिंग टैक्स पर लगने वाले पूरे ब्याज से 100 प्रतिशत छूट दी जा रही है. बकायेदार होल्डिंग धारकों को केवल मूल टैक्स राशि जमा करना होगा. कई वर्षों का टैक्स बकाया रहने के कारण ब्याज की राशि बहुत अधिक हो गयी, जो अब पूरी तरह माफ कर दी गयी है.

विशेष परिस्थितियों में भी मिलेगा लाभ

यदि किसी करदाता का मामला किसी न्यायालय, न्यायाधिकरण या अन्य फोरम में लंबित है तो उसे भी इस योजना का लाभ मिलेगा. इसके लिए उन्हें न्यायालय से मामला वापस लेने का लिखित प्रमाण प्रस्तुत करना होगा. जिन करदाताओं ने अभी तक अपने होल्डिंग का स्व- निर्धारण (सेल्फ असेसमेंट) नहीं कराया है वे भी इस योजना में शामिल हो सकते हैं. निर्धारण तिथि ऐसे मामलों में, संपत्ति कर का निर्धारण आवासीय के लिए विद्युत कनेक्शन प्राप्त करने या नगर निकाय अधिसूचित होने की तिथि से और गैर-आवासीय के लिए जीएसटी में निबंधन या नगर निकाय अधिसूचित होने की तिथि (जो तिथि बाद की हो) से प्रभावी होगा.

योजना के प्रमुख बिंदु को समझें

यह योजना अधिसूचना जारी होने की तिथि 04 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगी. यह 2025-26 और इससे पूर्व के सभी बकाया संपत्ति कर की मूल राशि के भुगतान पर लागू होगी. यह योजना सभी आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक संपत्तियों, साथ ही केंद्र/राज्य सरकार की संपत्तियों एवं संस्थागत संपत्तियों पर समान रूप से लागू होगी.

सुनियोजित विकास में भागीदार बनें

मेयर अरुण राय ने कहा है कि अधिक लोगों को बकाया राशि जमा करने पर ओटीएस का लाभ दिलाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. उन्होंने शहरवासियों से अपील करते हुए कहा है कि यह योजना नागरिकों को बड़ी राहत देने वाली है. मधुबनी में अभी तक तकरीबन 50 प्रतिशत होल्डिंग धारकों ने ही टैक्स जमा किया है. आग्रह है कि ब्याज माफी के इस स्वर्णिम अवसर को न चुकें और शीघ्र अपना बकाया टैक्स जमा कर शहर के सुनियोजित विकास में सहभागी बनें.

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