संतमत सत्संग का श्रवण करने से मिलेगी मुक्ति: स्वामी योगानंदजी
संतमत सत्संग का श्रवण करने से मिलेगी मुक्ति: स्वामी योगानंदजी
कुमारखंड. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सिहपुर गढ़िया पंचायत के गुड़िया गांव में आयोजित दो दिवसीय जिला राष्ट्रीय संतमत सत्संग का 43वां वार्षिक अधिवेशन का आयोजन किया. मंगलवार की रात विधायक डॉ रमेश ऋषिदेव ने उद्घाटन किया. बुधवार से शुरू सत्संग में संतमत के संस्थापक महर्षिमेंही परमहंस जी महाराज के परम भक्त शिष्य बैजनाथपुर सहरसा आश्रम से आये स्वामी योगानंद जी महाराज एवं अन्य साधु संत का प्रवचन भजन कीर्तन आयोजित किया गया. सुबह में भजन स्तुति विनती सद्ग्रंथ पाठ किया. सत्संग के दूसरे पाली में प्रवचन के दौरान स्वामी योगानंद जी महाराज ने कहा कि आज के परिवेश में लोगों को संतमत के सिद्धांतों को आत्मसात करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आत्मा जब तक परमात्मा को प्राप्त नहीं कर लेती है. तब तक वे आवागमन के चक्र में पड़ा रहेगा. आवागमन सबसे बड़ा दुख का कारण है. इसको एकमात्र मानव ही साधना के द्वारा मिटा सकता है. स्वामी जी ने सतसंग में आए हुए लोगों को रामायण, भगवद् गीता सहित विभिन्न वेद पुराणों में वर्णित उपदेश व श्लोकों को विस्तारपूर्वक समझाते हुये अध्यात्म की ओर लौटने की बात कही. उन्होंने कहा कि माता पिता का अनादर करने वाले, मांस मछली को खाद्य पदार्थ समझने वाले, झूठ, चोरी, नशा, हिंसा, व्यभिचार करने वाले मानव संसार रूपी माया जाल में ही जकड़ कर रह जायेंगे. सत्संग में स्वामी सुभाषानंद जी महाराज, स्वामी निर्मलानंद बाबा, स्वामी गुरु प्रसाद जी महाराज समेत कई अन्य साधु- संत उपस्थित हजारों श्रद्धालु भक्तजनों को संतमत के सिद्धांत एवं मोक्ष प्राप्ति के तरीके बतलाया. मंच संचालन डॉ अनिल वर्मा ने किया. मौके पर आयोजक कमलेश्वरी मुखिया, डॉ प्रभाष कुमार, सुधीर यादव, नित्यानंद यादव, श्याम सुंदर यादव, विद्यानंद यादव, सदानंद यादव, सीताराम रजक, व्यापार मंडल अध्यक्ष राजेंद्र मुखिया, कृष्णदेव यादव, रामकुमार, राकेश कुमार आदि मौजूद थे.
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