परमानंदपुर पंचायत के कचरा प्रबंधन कुर्मी अल्प वेतन से नाराज
पंचायत प्रतिनिधि हम लोगों को सही बात नहीं बताते हैं, लंबे समय से हम लोगों को वेतन नहीं मिलने के कारण हम सभी के सामने आर्थिक संकट आ गया है.
कुमारखंड
प्रखंड के परमानंदपुर पंचायत में घर-घर से सुखा एवं गीला कचरा उठाने वाले स्वच्छता कुर्मी को अगस्त 2021 से लेकर 2025 तक में सिर्फ छह महीने का ही वेतन (मजदूरी) मिलने से नाराज चल रहे है. पंचायत के सभी कचरा प्रबंधन (स्वच्छ भारत अभियान) के तहत काम करने वाले कुर्मी का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधि हम लोगों को सही बात नहीं बताते हैं, लंबे समय से हम लोगों को वेतन नहीं मिलने के कारण हम सभी के सामने आर्थिक संकट आ गया है. यहां बताते चले की परमानंदपुर पंचायत 13 वार्डों का है. कुल मिलाकर 32 सुरक्षाकर्मी को नियुक्त किया गया था, लेकिन ऑफिशियल आंकड़ा के अनुसार 13 वार्डों में कुल 18 स्वच्छता कुर्मी और पर्यवेक्षक अल्प वेतन पर नियुक्त है. जिन्हें समय पर विभाग के तरफ से वेतन नहीं मिल पाता है. जिसके लिए कुर्मी लोग को समय-समय पर प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. इसके बावजूद इन लोगों की समस्या कोई नहीं सुन पता है. वहीं अगर कर्मी द्वारा एक दिन भी कार्य में देरी होने से प्रतिनिधि, विभाग और गांव के सैकड़ो लोगों द्वारा उंगली उठाने शुरू कर दिया जाता है.कचरा प्रबंधन में काम करने वाले कुर्मी – गीता देवी, बबीता देवी, ब्रह्मदेव मंडल, विक्रम मलिक, सहदेव पासवान, नीतीश कुमार, विनोद मलिक, अरुण पासवान, सुरेश राम, जय कुमार शाह, योगेंद्र ऋषि देव, धीरेंद्र शर्मा और दिगमलाल ऋषि देव का कहना है कि प्रत्येक वार्ड में कम से कम दो कर्मी होना चाहिये. उनमें से सिर्फ पर्यवेक्षक लगाकर 18 कुर्मी है. सरकार के तरफ से हम लोगों को सिर्फ तीन हजार अल्प वेतन के रूप में मिलता है. वह भी कभी-कभी जबकि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत संचालित योजना में काम करने वाले अकुशल मजदूर को अभी 245 रुपया प्रतिदिन के हिसाब से दैनिक मजदूरी का भुगतान किया जाता है. इस विषय में जब प्रखंड कोऑर्डिनेटर रमन कुमार राणा से पूछा तो उनका कहना है सरकार जो स्वच्छता कुर्मी के लिए मानदेह तय किया है अभी फिलहाल वही दिया जा रहा है.
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