मनरेगा योजना में ग्रामीणों ने धांधली, कागज पर सड़क बना लाखों की हुई निकासी, जांच की मांग

ग्रामीणों का कहना है कि इस योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और बिना काम किए ही भुगतान निकाल लिया गया.

By Kumar Ashish | March 23, 2025 6:04 PM

मुरलीगंज, मधेपुरा. मुरलीगंज प्रखंड के गंगापुर पंचायत अंतर्गत खुसरूपट्टी वार्ड नंबर दो में मनरेगा योजना में घोटाले का मामला सामने आया है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कागजों पर ही सड़क का निर्माण दिखाकर लाखों रुपये की निकासी कर ली गयी, जबकि मौके पर कार्य प्रारंभ भी नहीं हुआ. इस घोटाले को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. – कागजों पर बना सड़क, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और- वार्ड नंबर 2 में कोशी स्थान से लेकर देवन राम के खेत तक योजना संख्या 0522004007FP20377233 के तहत सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था. परंतु जब ग्रामीणों ने मौके पर जाकर जांच की, तो वहां एक टोकरी मिट्टी तक नहीं डाली गई थी. ग्रामीणों का कहना है कि इस योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और बिना काम किए ही भुगतान निकाल लिया गया. – ग्रामीणों का आरोप: मृत व प्रवासी मजदूरों के नाम पर निकाली गई मजदूरी- स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि इस योजना के तहत जिन मजदूरों के नाम पर भुगतान हुआ है, उनमें से कई या तो पंजाब व अन्य राज्यों में काम कर रहे हैं या फिर उनकी मृत्यु हो चुकी है. इससे यह स्पष्ट होता है कि फर्जी नामों से मजदूरी की राशि निकाली गई है. इस खुलासे के बाद ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है और उन्होंने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. – जांच करने पहुंचे ग्रामीणों से पीआरएस की बदसलूकी- जब ग्रामीण मनरेगा योजना स्थल पर पहुंचे और वहां तैनात पीआरएस (प्रखंड रोजगार सेवक) अमर कुमार गांगुली से इस योजना के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. वीडियो बनाने के दौरान पीआरएस ने मोबाइल छीनने का प्रयास किया. यह घटना तब घटी जब ग्रामीणों ने सड़क निर्माण कार्य स्थल की वास्तविक स्थिति को उजागर करने का प्रयास किया. – ग्रामीणों ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग- इस पूरे मामले के उजागर होने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस घोटाले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाय. ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस मामले की जांच नहीं हुई, तो वे जिला स्तर पर प्रदर्शन करेंगे और मामले को उच्च अधिकारियों तक पहुंचायेंगे. इस गंभीर मामले को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि, ग्रामीणों ने इस घोटाले की शिकायत जिला प्रशासन से करने की बात कही है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे. इस मनरेगा घोटाले का खुलासा होने से सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है और दोषियों को सजा मिलती है या नहीं. मामले में मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी मुरलीगंज रतन कुमार ने बताया कि चंद दिन पहले ही उन्होंने अपना योगदान मुरलीगंज प्रखंड में किया है. मामले में तत्काल भुगतान पर रोक लगा दी गई है. जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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