मशीन नगर परिषद में धूल फांक रही, मच्छरों का आतंक बढ़ा
आलम यह है कि नगर परिषद की फॉगिंग मशीन सालों से गोदाम में धूल फांक रही है,
मधेपुरा नगर परिषद की लापरवाही और सफाई व्यवस्था में उदासीनता का खामियाजा शहरवासी भुगत रहे हैं. पूरे शहर में मच्छरों का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि लोग दिन और रात दोनों वक्त परेशान हैं. आलम यह है कि नगर परिषद की फॉगिंग मशीन सालों से गोदाम में धूल फांक रही है, लेकिन शहर के किसी भी इलाके में उसका इस्तेमाल नहीं हो रहा. – मच्छरों से राहत कब ? लोग सवाल उठा रहे हैं कि नगर परिषद आखिर कब मच्छरों से निजात दिलाने के लिए सक्रिय होगी. शाम होते ही गलियों और चौक-चौराहों पर बैठना मुश्किल हो जाता है. बच्चे घर में पढ़ाई तक ढंग से नहीं कर पा रहे. स्थिति यह है कि कई परिवार दिन में ही मच्छरदानी का सहारा लेने को मजबूर हो गए हैं. – खुद के उपाय कर रहे लोग – फॉगिंग मशीन का उपयोग नहीं होने से शहरवासी मच्छर भगाने वाले क्वायल, अगरबत्ती और अन्य उपायों का सहारा ले रहे हैं. इसके बावजूद भी मच्छरों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही. स्थानीय निवासी मनोज कुमार ने बताया कि शहर के हर मोहल्ले में मच्छरों का आतंक है. लेकिन नगर परिषद चुप्पी साधे बैठी है. अब तो रात को बच्चों को मच्छर काटने से बुखार तक हो जा रहा है. गृहिणी सुनीता देवी कहती हैं, दिन में ही मच्छरदानी लगानी पड़ती है. नाले में गंदा पानी जमा रहता है. सफाई नहीं होने से मच्छर और ज्यादा पनप रहे हैं. – गंदगी और नाले बने समस्या – शहर की बदहाली का बड़ा कारण नियमित सफाई नहीं होना है. नाले जाम हैं, उनमें गंदा पानी जमा रहता है. जगह-जगह कचरा सड़कों और गलियों में बिखरा रहता है. सफाईकर्मी भी नियमित रूप से ड्यूटी नहीं करते. – बीमारियों का खतरा बढ़ा – चिकित्सकों का कहना है कि मच्छरों से होने वाली कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है. अस्पतालों में पहले से ही मच्छरजनित बीमारियों के मरीज आने लगे हैं. छात्र रमन कुमार ने कहा कि रात को पढ़ाई करना मुश्किल हो गया है. मच्छरदानी लगाने के बाद भी चैन नहीं मिलता. फॉगिंग मशीन कब चलेगी, यह कोई नहीं बता पा रहा. – शहर के लोगों की मांग – लोगों का कहना है कि नगर परिषद को तत्काल फॉगिंग मशीन चालू करनी चाहिए और पूरे शहर में नियमित दवा छिड़काव की व्यवस्था करनी चाहिए. साथ ही सफाई व्यवस्था को भी दुरुस्त करना जरूरी है. यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं.
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