जमा में फंसने से हजारों रुपये का तेल हो जाता है बर्बाद
जमा में फंसने से हजारों रुपये का तेल हो जाता है बर्बाद
मधेपुरा. शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या नासूर बनती जा रही है. इसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आलम यह है कि हजारों रुपये का तेल जाम में फंसने के कारण रोजाना बर्बाद हो जाता है. शहर की ऐसी कोई भी सड़क नहीं है, जहां जाम की समस्या से लोगों को परेशानी नहीं हो रही है. इन सड़कों से गुजरने वाली वाहनों को देर तक जाम में फंसे रहना पड़ता है. अतिक्रमण का दौर भी जारी है. पानी टंकी चौक से सुभाष चौक से पुरानी कचहरी तक सड़कों के दोनों किनारे फुटपाथ विक्रेता व्यवसाय करते हैं. इस कारण राहगीरों को दो पहिया वाहन या चार पहिया वाहन ले जाने में परेशानी होती है. प्रायः हर बाजार चौक-चौराहा इस प्रकार की समस्या का घर बनती जा रही है. खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है. कई वाहन चालक अपने वाहन को सड़कों पर लगा कर चले जाते हैं, जिससे अन्य वाहन चालकों की आवाजाही में परेशानी होती है. जाम की मूल समस्या अतिक्रमण शहर में जाम की समस्या का कारण सड़क पर अतिक्रमण है. शहर में स्थायी और अस्थायी दोनों प्रकार के अतिक्रमण हैं. ऑटो रिक्शा उत्पाद की दुकान शॉप पर ही लगे रहते हैं. वही मालवाहक वाहन सड़क पर ही लगा दी जाती है. कागज पर सिमट कर रह जाता है आदेश शहर में जाम की समस्या सिर्फ आम नागरिकों के लिए नहीं बल्कि यहां रहने वाले अधिकारियों के लिए भी उसी तरह की है. प्रशासनिक आस्था से शहर में जाम की समस्या के हल को ढूंढने के लिए कई तरह के आदेश निर्गत किए जाते हैं. करवाई नहीं होती है. इन पॉइंट पर लगता है जाम शहर के पानी टंकी चौक, थाना चौक ,सुभाष चौक, पुरानी कचहरी, पूर्णिया गोला चौक पर सड़क जाम लगती है. दरअसल शहर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग अपने वाहन सड़कों पर ही लगा देते हैं. कई विभाग के दफ्तर बाजार में है. उनके पास पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. दफ्तर जाकर काम करने वाले लोग सड़क पर ही गाड़ी लगा कर घंटों छोड़ देते हैं. इस कारण जाम की समस्या रहती है. दुकानदार द्वारा भी सड़क का अवैध रूप से अतिक्रमण कर लिया जा गया है. अभी जूस वाले भी आ रहे है आने वाले समय में और भीषण गर्मी आने वाली है. ऐसे में सड़कों पर जूस, लस्सी की दुकान और बढ़ जाती है. वैसे मैं बाजार में सड़कों पर लगे वाहनों के चलते पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है. इस कारण कई बार लोगों में बक -झक भी हो जाती है, लेकिन इस समस्याओं के समाधान को लेकर नगर प्रशासन अब तक मौन है.
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