मानवाधिकार केवल समाज में रहने वाले व्यक्तियों का ही नहीं, बल्कि कैदियों का भी मूल अधिकार- कारा अधीक्षक

मानवाधिकार केवल समाज में रहने वाले व्यक्तियों का ही नहीं, बल्कि कैदियों का भी मूल अधिकार- कारा अधीक्षक

By Kumar Ashish | December 11, 2025 6:53 PM

मधेपुरा.

जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से मंडल कारा मधेपुरा में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस तथा बिहार मानवाधिकार आयोग के 17वें स्थापना दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता कारा अधीक्षक राजेश कुमार राय ने की. मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव पूजा कुमारी साह ने कैदियों को संबोधित करते हुये कहा कि मानवाधिकार केवल समाज में रहने वाले व्यक्तियों का ही नहीं, बल्कि जेल में रह रहे बंदियों का भी मूल अधिकार है. उन्होंने नि:शुल्क विधिक सहायता, कानूनी सलाह, पैरवी तथा बंदियों के लिए उपलब्ध योजनाओं की जानकारी दी. मुख्यालय डीएसपी मनोज मोहन ने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा और संवेदनशीलता कानून व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. उन्होंने बंदियों को आपसी सहयोग, अनुशासन व सकारात्मक सोच के साथ जीवन में सुधार लाने की प्रेरणा दी. कार्यक्रम का संचालन करते हुये चीफ एलएडीसीएस सीपी चंदन ने कहा कि मानवाधिकार दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम बंदियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने व उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है. कार्यक्रम में डिप्टी चीफ एलएडीसीएस त्रिपुरारी कुमार सिंह, सहायक एलडीसीएस बिपिन कुमार व ब्रह्मदेव कुमार ने जेल में विधिक अधिकार, नालसा की योजनाओं, कैदियों के लिए उपलब्ध निःशुल्क सहायता व पुनर्वास संबंधी सेवाओं के बारे में जानकारी दी. कारा चिकित्सक डॉ कुंदन कुमार ने मानवाधिकारों में स्वास्थ्य अधिकार की महत्ता पर रोशनी डालते हुए कहा कि प्रत्येक बंदी को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना जेल प्रशासन की प्राथमिकता है. मंडल कारा प्रशासन व विधिक सेवा प्राधिकार के संयुक्त प्रयास से आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बंदी उपस्थित रहे व मानवाधिकार तथा विधिक सहायता से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की.

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