समाज के प्रत्येक व्यक्ति की सक्रियता से फलेरिया मुक्ति संभव
समाज के प्रत्येक व्यक्ति की सक्रियता से फलेरिया मुक्ति संभव
मधेपुरा. जिले के बिहारीगंज प्रखंड क्षेत्र गमेल पंचायत स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सोमवार को विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, उद्देश्य फाइलेरिया मुक्त पंचायत बनाने के अभियान को सशक्त रूप से आगे बढ़ाना था. कार्यक्रम का शुभारंभ मुखिया बबलू महतो ने किया. वहीं निशक्ता प्रमाणपत्र पात्र लाभार्थियों के बीच वितरित किया. यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग व पीरामल फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से संपन्न हुआ. कार्यक्रम में पीरामल फाउंडेशन के जिला प्रबंधक डॉ विकास कुमार, प्रोग्राम लीडर त्रिलोक मिश्रा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ समीर दास, बीएचएम अरुण राम, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी सोनम कुमारी, एएनएम अंबिका कुमारी आदि मौजूद थे. इस दौरान अधिकारियों ने फाइलेरिया बीमारी के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह रोग मच्छरों के काटने से फैलने वाला परजीवी संक्रमण है, जो व्यक्ति के लसीका तंत्र को प्रभावित करता है. समय पर पहचान, उचित इलाज और सावधानी अपनाने से इस रोग को पूरी तरह रोका जा सकता है. मुखिया बबलू महतो ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि गमैल पंचायत को पूर्ण रूप से फाइलेरिया मुक्त हो. इसके लिए पंचायत स्तर पर निरंतर जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. एमएमडीपी किट वितरण के दौरान लोगों को बताया कि इस किट का उपयोग करके प्रभावित व्यक्ति घर पर ही अपने पैरों की सफाई, देखभाल और मालिश जैसी प्रक्रियाओं से संक्रमण के प्रभाव को कम कर सकते हैं. प्रोग्राम लीडर त्रिलोक मिश्रा ने कहा कि फाइलेरिया मुक्त पंचायत का लक्ष्य तभी संभव है जब समाज के प्रत्येक व्यक्ति की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो. उन्होंने समुदाय के बीच स्वयं की जिम्मेदारी व सहयोग की भावना पर बल दिया. वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ समीर दास ने फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की. उन्होंने बताया कि लोगों को डीईसी दवा का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए. साथ ही मच्छरों से बचाव के उपाय जैसे-मच्छरदानी का प्रयोग, घर के आसपास साफ-सफाई, गंदे पानी का जमाव रोकना आदि अपनाने चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति में सूजन, दर्द या अन्य प्रारंभिक लक्षण दिखें, तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें. वहीं आशा व एएनएम को निर्देश दिया गया कि वे घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव और एमएमडीपी किट के सही उपयोग के बारे में जागरूक करें. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र व्यक्ति उपचार या प्रमाणपत्र से वंचित न रहे.
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