शीतलहर के प्रकोप से जनजीवन अस्त-व्यस्त, सड़कें रही सुनी

लगभग सप्ताह से अधिक दिनों से चल रहे शीतलहर से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. आम अवाम की जिंदगी थम गयी है. लोग घरों में दुबके हुए रहते हैं.

By Kumar Ashish | December 28, 2025 6:42 PM

ग्वालपाड़ा.

लगभग सप्ताह से अधिक दिनों से चल रहे शीतलहर से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. आम अवाम की जिंदगी थम गयी है. लोग घरों में दुबके हुए रहते हैं. लगातार चल रही पछुआ हवा से शरीर में ठिठुरन, सिहरन महसूस होती है एवं सर्दी, खांसी, बुखार से परेशान हो रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र का इकलौता बाजार, जहां प्रतिदिन लगभग पांच से सात हजार लोग अपने रोजमर्रा की सामान खरीद, बिक्री करने आते थे. वहां 100-200 लोग भी नहीं आते हैं. इससे व्यवसायियों का व्यवसाय भी प्रभावित हो गया है. आनंद वस्त्रालय के प्रोपराइटर आनंद का कहना है कि शीतलहर के असर से जहां जनजीवन बेहाल हो गया है, वहीं व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है. कड़ाके की ठंड की वजह से गर्म कपड़ा भी खरीदने लोग घर से बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं.

अलाव की समुचित व्यवस्था नहीं

सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था नहीं रहने से राहगीर एवं गरीब खुले साथ ही साथ बाहर से आने वाले एवं बाहर जाने वाले बस पड़ाव पर अलाव की तलाश करते हैं, लेकिन अलाव की व्यवस्था नहीं रहने से मजबूरन खुले आसमान के नीचे ठिठुरने को मजबूर हैं. जिसकी वजह बस स्टैंड में यात्रियों के बैठने की व्यवस्था नहीं होना है. आश्चर्य की बात तो यह है कि कड़ाके की इस ठंड में कहीं जलता हुआ अलाव नजर नहीं आता है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि सप्ताह भर से अधिक दिनों से चल रहे भीषण शीतलहर के बावजूद भी चौक-चौराहों या सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गयी है.

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन हर साल ठंड बढ़ने पर अलाव जलाने का दावा करता है, लेकिन इस बार जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं दिख रहा. पीएचसी जहां इस शीतलहर में विभिन्न रोग के शिकार एवं प्रसव कराने आने वाली महिला को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे बुरा हाल उन गरीबों एवं बेसहारा लोगों का है जिनके पास पर्याप्त गर्म कपड़े नहीं हैं. स्थानीय व्यवसायियों एवं राहगीरों ने जिलाधिकारी से इस मामले में हस्तक्षेप कर अविलंब अलाव जलवाने की मांग की है. वहीं सीओ देवकृष्ण कामत ने कहा कि सभी सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था की गयी है.

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