bihar election 2025 : सिंहेश्वर विधानसभा : 329581 मतदाता छह नवंबर को डालेंगे वोट

बिहार विधानसभा, सिंहेश्वर (एससी) मधेपुरा जिले के एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट है, यह 2008 में परिसीमन के बाद सुपौल लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा बना, जबकि पहले यह मधेपुरा संसदीय क्षेत्र में आता था.

By Kumar Ashish | November 2, 2025 10:04 PM

विधानसभा बनने के बाद 13वां बार सिंहेश्वर विधानसभा में होंगे चुनाव कुमारखंड. बिहार विधानसभा, सिंहेश्वर (एससी) मधेपुरा जिले के एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट है, यह 2008 में परिसीमन के बाद सुपौल लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा बना, जबकि पहले यह मधेपुरा संसदीय क्षेत्र में आता था. इस विधानसभा क्षेत्र में सिंहेश्वर, शंकरपुर और कुमारखंड प्रखंड आता है. यह क्षेत्र कोसी के मध्य में है जो अपने उपजाऊ मिट्टी तथा बार-बार आने वाले बाढ़ के लिये जाना जाता है. कृषि यहां की मुख्य जीविका का साधन है जिसमें धान, गेहूं, मक्का,बाजारा, दलहन, ते लहन पटसन प्रमुख है. औद्योगिक सुविधा नहीं रहने तथा प्राकृतिक संकट के कारण भूमिहीन एवं छोटे किसान बड़े पैमाने पर पलायन भी करते हैं. सिंहेश्वर, जिला मुख्यालय मधेपुरा से करीब 12 किमी पर स्थित है. यह क्षेत्र राजमार्ग 57 के माध्यम से जुड़ा है. इस क्षेत्र का प्रमुख रेलवे स्टेशन मधेपुरा जंक्शन है. यह विधानसभा सिंहेश्वर नाथ मंदिर के कारण जाना जाता है, पौराणिक मानता है कि शृंगी ऋषि द्वारा राजा दशरथ के लिए पुत्र प्राप्ति हेतु यज्ञ किया था. फलस्वरुप भगवान राम और उनके भाइयों का जन्म हुआ था. यज्ञ का सात हवन कुंड आज भी जीर्ण-शीर्ण जल कुंड पवित्र परंपरा का प्रतीक आज भी है. इसके अलावा सिंहेश्वर का वर्णन वराह पुराण में मिलता है. लोक कथाओं को माने तो एक दिन कुमारी गाय ने एक स्थान पर दूध गिराया तो जब वहां खुदाई की गयी तो एक शिवलिंग मिला, वही स्थान आगे चलकर पूजन स्थल बना. इसी स्थान पर त्रिदेव-ब्रह्मा, विष्णु, महेश (महादेव) विराजमान हुए. मंदिर में स्थित तीन भागों वाला शिवलिंग इसी संगम का प्रतीक है, इतना ही नहीं आदि शंकराचार्य एवं मंडन मिश्र के बीच प्रसिद्ध शास्त्रार्थ हुआ था, इसके अलावा मंदिर के दक्षिणी दीवार पर बुद्ध की अवलोकित प्रतिमा भी है. यहां हर साल लाखों लाख श्रद्धालुओं आते हैं, खासकर सावन व महाशिवरात्रि के समय जब यहां राजकीय मेला लगता है. यह सिंहेश्वर विधानसभा सन 1977 में अस्तित्व में आया, आने के बाद अब तक 1981 के उपचुनाव से लेकर 12 बार विधानसभा चुनाव यहां हो चुका है. यह क्षेत्र राजनीतिक दृष्टि कौन से बहुयामिनी रहा है, 2005 से चार बार जनता दल यूनाइटेड व दो बार आरजेडी और कांग्रेस जबकि एक-एक बार जनता पार्टी, लोक दल, जनता दल एवं निर्दलीय ने एक-एक बार चुनाव में जीत हासिल किया है. 2020 विधानसभा में कुल -3,10,531 पंजीकृत मतदाता थे, इसमें एससी-63,938, एसटी-1615 मुस्लिम-39,437 मतदाता था, यादव यहां के प्रभावशाली वोट बैंक है. जिनकी संख्या कुल मतदाताओं का लगभग25-30 प्रतिशत है. मौजूदा सिंहेश्वर विधानसभा 2025 में (एसआईआर) के बाद कुल मतदाता की संख्या-3,29,581 जिसमें पुरुष मतदाता की संख्या-1,71,753, महिला मतदाता की संख्या-1,57,821 ट्रांसजेंडर मतदाता की संख्या-07 एवं प्रथम बार के मतदाता की संख्या-6,582 इसमें पुरुष मतदाता की संख्या-3,856, महिला मतदाताओं की संख्या-2,726 तथा कुल सेवा मतदाताओं की संख्या-245, उनमें पुरुष सेवा मतदाताओं की संख्या-08 एवं महिला सेवा मतदाताओं की संख्या-237 है. इस प्रकार कुमारखंड प्रखंड को कुल 21 सेक्टर में बांटा गया है और यहां कुल मतदाताओं की संख्या-1,,63,811 है. चुनाव आयोग ने 06 नवंबर 2025 को होने वाले विधानसभा चुनाव की सारी तैयारी कर ली है. 06 नवंबर 2025 के चुनाव में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी ना हो इसके लिए चुनाव आयोग ने बीएसएफ और बीएमपी सहित स्थानीय प्रशासन क़ो पूरा अलर्ट पर रखा है.

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