मजदूर के अभाव में धान फसल कटाई की रफ्तार धीमी, किसान परेशान
मजदूर के अभाव में धान फसल कटाई की रफ्तार धीमी, किसान परेशान
समय के विपरीत बारिश होने की वजह से कई जगहों पर अभी भी खेतों में नमी है बरकरार
खेतों में बनी नमी की वजह से हार्वेस्टर से भी नहीं करा पा रहे धान के फसल की कटनी
हलसी. प्रखंड मुख्यालय अंतर्गत अनेकों जगहों पर खेतों में इन दिनों धान की फसल पूरी तरह पककर तैयार है. कटाई के लिए किसानों को मजदूर नहीं मिल रहा है. इस वजह से किसान परेशान नजर आ रहे हैं. अधिकांश मजदूर रोजगार की तलाश में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली जैसे राज्यों या स्थानीय ईंट-भट्टों पर जा चुके हैं. इससे खेतों में तैयार धान फसल की कटाई प्रभावित हो रही है. फसल कटाई को लेकर हार्वेस्टर मशीन भी लाया गया है. खेत की मिट्टी गीला रहने के कारण कटाई नहीं हो रही है. जिसकी धान की फसल की कटाई हो गयी है, वहां जार की मंदी के कारण बिक्री नहीं हो रही है. किसान धान बेचने के लिए परेशान दिख रहे हैं. किसान व्यापारियों पहुंचे रहे हैं तो व्यापारी धान का मूल्य औने-पौने लगा रहे हैं. इस बार प्रखंड को काफी विलंब से धान खरीद का लक्ष्य मिला है, जितना लक्ष्य मिला है वह प्रखंड की किसानों के धान की फसल से काफी कम बतायी जा रही है. किसान कम कीमत पर भी अपना फसल बेचने को मजबूर दिख रहे हैं. इस बार खरीफ मौसम अनुकूल रहने से किसानों को अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, हालांकि मौसम की बेरुखी की वजह से उम्मीद के अनुरूप फसल नहीं हुई है. किसानों के खेतों से धान की कटनी नहीं हो पायी है. पिछड़ रही गेहूं की बुआई को लेकर किसानों में चिंता का माहौल है. किसानों ने बताया कि मौसम के मिजाज को देखते हुए किसानों के चेहरे मायूस हैं, दो तीन दिनों से आसमान में बादल छाये हुए हैं, जिसको देखते हुए मन उदास हो रहा है.
—–बोले किसान
भारत कृषि प्रधान देश है. यहां के सभी लोग खेती पर ही आश्रित हैं. सही से धान की उपज नहीं हुआ है और सही से धान का मूल्य भी नहीं मिल रहा है. जिससे किसानों के रोजी रोटी पर सीधा असर दिख रहा है.किसान गौतम कुमार सिंह
—-
बेमौसमी के कारण इस बार धान की फसल सही ढंग से नहीं हुआ है और दूसरी ओर सरकार के द्वारा पैक्सों में लक्ष्य की कटौती कर दी गयी है. जिससे किसान को धान औने-पौने दाम पर बिचौलियों के यहां बेचना पड़ रहा है.किसान अवधेश कुमार सिंह
—-धान कटाई के लिए पर्याप्त मजदूर नहीं मिलने से धान की कटाई करवाने में किसान परेशान हैं. समय पर धान की कटनी नहीं होने के वजह से रबी की बुआई भी प्रभावित हो रही है. इसे लेकर किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी है.
किसान राजेश कुमार
—-
अचानक हुई बारिश, खेतों में बनी नमी और मजदूरों की कमी जैसी समस्याओं के कारण फसल खेतों में गिर गयी है. दाने खराब हो रहे हैं और रबी की बुवाई भी रुक गयी है. जिससे उन्हें भारी नुकसान का डर है. वे लोग सरकारी मदद व उचित खरीद की मांग कर रहे हैं.किसान बमबम कुमार सिंह
—–
बोले अधिकारी13 दिसंबर को हलसी प्रखंड के सभी पैक्सों का लक्ष्य 99 हजार 991 क्विंटल दिया गया है. इसमें हलसी प्रखंड के सभी किसानों के द्वारा कुल आवेदन 4319 किया गया है. कुल रैयत किसान 2558 आवेदन किया है. गैर रैयत किसान 1761 आवेदन किया है. पैक्स के लिए कुल आवेदन 4216 व व्यापार मंडल में कुल आवेदन 103 किया है. अभी तक 106 किसानों से 945.17 क्विंटल धान की खरीद हुई है.–
प्रमोद मंडल,
प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, हलसी.े——-डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
