ई-केवाईसी अनिवार्यता पर प्रशासन सख्त, अपात्र लाभुकों पर गिरेगी गाज
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को पारदर्शी बनाने और केवल पात्र लाभुकों तक खाद्यान्न आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रशासन ने ई-केवाईसी प्रक्रिया को सख्ती से लागू करने की दिशा में कदम तेज कर दिये हैं
बड़हिया. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को पारदर्शी बनाने और केवल पात्र लाभुकों तक खाद्यान्न आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रशासन ने ई-केवाईसी प्रक्रिया को सख्ती से लागू करने की दिशा में कदम तेज कर दिये हैं. इसी क्रम में बुधवार को प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित बीआरसी भवन में एक समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें एसडीएम प्रभाकर कुमार ने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये. बैठक में एसडीओ ने बताया कि सरकार द्वारा मार्च माह तक सभी राशन कार्डधारियों के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी गयी है. निर्धारित समय-सीमा के भीतर ई-केवाईसी नहीं कराने वाले लाभुकों का नाम राशन कार्ड से हटाया जा सकता है. उन्होंने जानकारी दी कि विभाग की ओर से हाल ही में एक सस्पेक्ट डेटा उपलब्ध कराया गया है, जिसमें ऐसे लाभुकों के नाम शामिल हैं जो आयकर दाता हैं या प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं. जिले में ऐसे लगभग 15 हजार लाभुक चिह्नित किये गये हैं, जबकि बड़हिया प्रखंड में इनकी संख्या दो हजार से अधिक बतायी गयी है. एसडीओ ने कहा कि इन सभी मामलों का 31 दिसंबर तक भौतिक सत्यापन कराया जायेगा और अपात्र पाये जाने पर राशन कार्ड से नाम हटाने की कार्रवाई की जायेगी. इसके बाद ई-केवाईसी से वंचित लाभुकों पर भी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होगी. बैठक के पश्चात एसडीओ ने प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित खाद्य आपूर्ति गोदाम का औचक निरीक्षण भी किया. निरीक्षण के दौरान खाद्यान्न उठाव में अनियमितता सामने आयी, जहां 48 किलोग्राम अंकित बोरे में 47 किलोग्राम अनाज पाया गया. इस पर एसडीओ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए संबंधित कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगने और दोषी पाये जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की बात कही. अंत में प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे समय रहते अपने नजदीकी पीडीएस डीलर के पास जाकर ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करायें, ताकि उनका नाम राशन कार्ड से न कटे और सरकारी योजनाओं का लाभ निर्बाध रूप से मिलता रहे.
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