Sawan: तीन नदियों के मुहाने पर बसा बिहार का अशोकधाम, देवघर जाने के क्रम में कांवरियों का बनता है पड़ाव

लखीसराय के अशोक धाम में प्रतिदिन दस हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करते हैं. देवघर आने-जाने के क्रम में कांवरिया यहां विश्राम जरुर करते हैं. जानिये तीन नदियों के मुहाने पर बसा बिहार के अशोकधाम के बारे में...

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2022 10:55 AM

बिहार का देवघर कहे जाने वाले लखीसराय के श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर अशोक धाम कांवरियों को अपनी ओर काफी आकर्षित करता है. यही कारण है कि इस मंदिर को जानने वाले बाबा भोलेनाथ के भक्त प्रत्येक वर्ष बैद्यनाथ धाम जाने व आने के क्रम में अशोक धाम में पूजा अर्चना करना नहीं भूलते हैं.

विश्राम करके आगे बढ़ते हैं कांवरिये

नेपाल, यूपी, बिहार के पटना सहित विभिन्न जिलों के वैसे कांवरिया जो लखीसराय होकर गुजरते हैं तथा जिन्हें अशोक धाम की महिमा की जानकारी है वे अपने परिजन व साथी कांवरियों के साथ अशोक धाम मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के साथ ही कुछ समय तक विश्राम कर ही अपने यात्रा पर आगे बढ़ते हैं.

हजारों की संख्या में कांवरिया पहुंचे

मंदिर में मौजूद पंडितों के अनुसार मंगलवार को भी यूपी, राजस्थान सहित बिहार के रोहतास, पटना, मोतिहारी, बेगूसराय आदि जगहों को हजारों की संख्या में कांवरियों ने देवघर जाने के क्रम में अशोक धाम मंदिर पहुंच पहले शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पूजा अर्चना किया तथा कुछ समय तक मंदिर परिसर में मौजूद वृक्ष की छाया में विश्राम कर अपनी यात्रा आगे के लिए प्रारंभ की. बताया जाता है कि सावन महीने में प्रतिदिन दस हजार के आसपास श्रद्धालुओं की ओर से शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाता है.

Also Read: सावन 2022: गोडियारी नदी में कांवरियों की मस्ती, फोटोग्राफी का क्रेज और भुट्टे का स्वाद, देखें तस्वीरें
1977 में अवतरित हुए बाबा

यहां बता दें कि किऊल, हरूहर व गंगा नदी के त्रिमुहानी पर वर्ष 1977 में अवतरित हुए बाबा श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव का अपना एक अलग महत्व है. मंदिर ट्रस्ट के सचिव डॉ श्याम सुंदर प्रसाद सिंह के अनुसार नदी तट पर बने मंदिर व धाम का अपना अलग महत्व होता है, वहीं तीन नदियों के बीच बने मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है. वहीं मंदिर की व्यवस्था भी लोगों को अपनी ओर काफी आकर्षित करती है.

मंदिर परिसर में पर्यावरण संरक्षण का भी ख्याल

मंदिर परिसर में पर्यावरण संरक्षण का भी काफी ख्याल रखते हुए जगह जगह पौधे लगाये गये तो आज वृहत वृक्ष का रूप धारण कर लोगों को गर्मी के समय में शीतल छाया प्रदान करते हैं. यहीं कारण है कि यहां आने वाले कांवरिया कुछ समय मंदिर में बिता कर अपनी थकान भी मिटा कर आगे बढ़ते हैं. मंदिर की साफ सफाई पर मंदिर प्रशासन का विशेष ध्यान रहता है तथा यहां आने वाले श्रद्धालु भी इसका पूरा ख्याल रखते हैं.

अशोक धाम मंदिर में सच्चे दिल से मन्नत मांगने वाले की मुराद होती है पूरी

अशोक धाम शिवलिंग के अवतरण के प्रमुख साक्षी बाबा अशोक जी महाराज जिनके नाम पर अशोक धाम मंदिर का नामांकरण भी हुआ था ने बताया कि तीन नदियों के मुहाने पर बसा होने के कारण इस धाम का काफी महत्व है. उन्होंने बताया कि जब शिवलिंग प्रकट भी नहीं हुए थे उस समय भी यह जगह काफी साफ सुथरा रहा करता था. यही कारण है कि बाबा के प्रताप से आज भी मंदिर परिसर काफी साफ सुथरा रहता है. यहां सच्चे दिल से पूजा कर मन्नत मांगने वालें की मन्नतें बाबा भोलेनाथ अवश्य पूरी करते हैं.

Published By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version