रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकले भगवान जगन्नाथ
बड़हिया नगर का माहौल शुक्रवार की संध्या अलौकिक हो उठा. हरि बोल, हरे कृष्णा और भगवान जगन्नाथ की जयघोष से गूंजते वातावरण में जब जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा निकली
बड़हिया.
बड़हिया नगर का माहौल शुक्रवार की संध्या अलौकिक हो उठा. हरि बोल, हरे कृष्णा और भगवान जगन्नाथ की जयघोष से गूंजते वातावरण में जब जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा निकली, तो पूरा नगर मानो भक्ति में डूब गया. भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की प्रतिमाएं जब सुसज्जित रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलीं, तो श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. गाजे-बाजे, घोड़े और डीजे की धुनों पर भक्तगण झूमते नजर आये. रथ खींचने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. रथ यात्रा का मार्ग भी विशेष रूप से सजाया गया था. स्टेशन रोड से प्रारंभ होकर यात्रा लोहिया चौक, श्रीकृष्ण चौक, थाना चौक, बड़हिया बाजार, हाहा बंगला, तिलक मैदान मोड़, महिला कॉलेज, जगदंबा पुस्तकालय, भवानी ठाकुरबाड़ी और महावीर मंदिर होते हुए लक्ष्मण जी बिचली ठाकुरबाड़ी तक पहुंची. यहां भगवान छह दिनों तक विश्राम करेंगे. रथ मौनी बाबा ठाकुरवाड़ी के महंत सत्यदेव दास के नेतृत्व में निकली गयी. उन्होंने बताया कि यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जिसमें भगवान अपने गर्भगृह से बाहर निकलकर मौसी के घर विश्राम हेतु जाते हैं. रथ यात्रा से पहले विधिपूर्वक वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-अर्चना और आरती की गयी. श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण हुआ, जिससे वातावरण भक्तिरस में भीग गया. इस अवसर पर शिवराज दास, बजरंग दास, शुभमंगल दास, गणेश दास, माधव दास, राघवेंद्र कुमार आदि श्रद्धालु उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
