मुख्य नाले को बंद करने से शहर में जलजमाव, संक्रमण का खतरा

नगर परिषद क्षेत्र में जल निकासी को लेकर उपजा संकट अब और गहराता जा रहा है

By Rajeev Murarai Sinha Sinha | December 17, 2025 6:52 PM

किसान खेत में जाने नहीं दे रहे पानी, नगर में बनी है जल जमाव की स्थिति

नप प्रशासन ने समाधान की तेज कर दी तलाश

बड़हिया. नगर परिषद क्षेत्र में जल निकासी को लेकर उपजा संकट अब और गहराता जा रहा है. किसानों द्वारा खेतों की ओर जाने वाले मुख्य नाले का मुंह बंद किये जाने के बाद स्थिति तीसरे दिन भी सामान्य नहीं हो सकी है. नाला बंद रहने से नगर क्षेत्र में जलजमाव और फैल गया है. बासगीत एरिया, वार्ड संख्या सात, पश्चिमी टोला और आसपास के इलाकों में सड़कों, गलियों और घरों के सामने पानी जमा है, जिससे आम लोगों की दिनचर्या पूरी तरह प्रभावित हो गयी है. लगातार जलजमाव के कारण कई घरों में गंदा पानी घुस गया है. लोगों को आवागमन के लिए वैकल्पिक रास्तों का सहारा लेना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना बारिश के दिसंबर महीने में ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी गयी. लोगों को आशंका है कि अगर जल्द पानी नहीं निकला, तो डायरिया, मलेरिया और अन्य संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. दूसरी ओर किसानों का कहना है कि नगर परिषद क्षेत्र का गंदा और दूषित पानी वर्षों से उनके खेतों में बहाया जा रहा है, जिससे उनकी उपजाऊ भूमि बंजर होती जा रही है. किसानों का आरोप है कि उन्होंने कई बार नगर परिषद और प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला. किसानों ने दो टूक कहा है कि जब तक लिखित रूप में स्थायी निकासी योजना और मुआवजे पर ठोस आश्वासन नहीं दिया जाता, तब तक नाले को नहीं खोला जायेगा.

वहीं स्थिति बिगड़ते देख नगर परिषद और जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है. मंगलवार को अधिकारियों ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और दोनों पक्षों से बातचीत की कोशिश की. नगर परिषद द्वारा गंगतीरी की ओर पंपिंग सेट लगाकर पानी निकालने की वैकल्पिक व्यवस्था की गयी, लेकिन स्थानीय विरोध के कारण यह प्रयास सफल नहीं हो सका. गंगतीरी क्षेत्र के लोगों ने वहां पानी गिराने पर आपत्ति जताते हुए मोटर पंप बंद करवा दिया. उनका कहना है कि बिना वैज्ञानिक नाली के पानी गिराने से उनके इलाके में भी वहीं समस्या पैदा हो जायेगी, जिससे बड़हिया जूझ रहा है.

बोले अधिकारी

इस संबंध में नगर कार्यपालक पदाधिकारी राकेश कुमार साकेत ने बताया कि नाला बंद होने से जलजमाव की समस्या उत्पन्न हुई है. किसानों की समस्या को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, इसलिए जबरन उनके खेतों में पानी नहीं बहाया जा सकता. उन्होंने कहा कि स्थायी समाधान के लिए नये नाले के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. बुधवार को लेवलिंग समेत अन्य प्रारंभिक कार्य कराये गये हैं. आपसी सहमति से जल्द ही अस्थायी और स्थायी समाधान निकालने का प्रयास किया जायेगा.

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