Kisan News: फलदार पौधे लगाने पर मिलेगा 50 प्रतिशत अनुदान, आवेदन शुरू, जानें क्या है आवेदन की प्रक्रिया

krishi yojana राज्य सरकार अब आम-केला, अमरूद व अन्य फलदार पौधों की खेती पर किसानों को सब्सिडी देगी. राष्ट्रीय बागवानी मिशन व मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत कृषकों को फलदार पौधों पर 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा.

By Prabhat Khabar | May 19, 2023 6:29 AM

बिहार: आम-केला और अमरूद जैसे फलदार पौधों की खेती के प्रति बिहार के किसानों का रुझान बढ़ाने और क्षेत्र विस्तार के लिए बिहार सरकार एक योजना लेकर आई है. राज्य सरकार अब आम-केला, अमरूद व अन्य फलदार पौधों की खेती पर किसानों को सब्सिडी देगी. राष्ट्रीय बागवानी मिशन व मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत कृषकों को फलदार पौधों पर 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. किसानों को पौधरोपण करने और उसके क्रमवार विकास पर भौतिक सत्यापन का प्रावधान है.

पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर होगा आवेदकों का चयन

जानकारी के अनुसार, पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर संबंधित आवेदकों का चयन किया जायेगा. गाइडलाइन के अनुसार पौधों की देखभाल के लिए किसानों को 50 हजार रुपये दिये जायेंगे. किसानों को यह राशि तीन किस्तों में मिलेगी. पहले वर्ष 30 हजार, दूसरे वर्ष 10 हजार, तीसरे वर्ष 10 का अनुदान दिया जायेगा. गाइडलाइन के अनुसार, यह राशि तभी मिलेगी, जब पौधे 80 से 90 प्रतिशत सुरक्षित रहेंगे. धान और गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों से अलग अब किसान का फलदार व नगदी फसल लगाने की ओर रुझान बढ़ रहा है. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए इस योजना को लेकर विभाग की ओर से जागरूक किया जा रहा है.

Also Read: भारतीय रेलवे: 15-19 मई के बीच ये 15 ट्रेनें पकड़ेंगी अपना बदला हुआ समय, यहां देखें समय-सारिणी
30 जून तक ऑनलाइन आवेदन

बागवानी फसलों के क्षेत्र विस्तार के लिए इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान उद्यान विभाग के आधिकारिक बेवसाइट  http://horticulture.bihar.gov.in/Home.aspx पर 30 जून तक आवेदन कर सकते हैं. आम की फसल के साथ केला और अमरूद के बगीचे पर भी सब्सिडी का प्रावधान है. इसके लिए किसान के पास जमीन का अपडेट रसीद, पहचान पत्र, आधार कार्ड, फोटो और बैंक पासबुक होना जरूरी है. जिला को भी इसके लिए टारगेट तय किया गया है. किसान जिला उद्यान कार्यालय में योजना के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं. जानकारी के अनुसार न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर यानी 25 डिसमिल और अधिकतम दो हेक्टेयर में फलों की खेती के लिए किसान आवेदन कर सकते हैं.

Next Article

Exit mobile version