चपाती गांव का भ्रमण कर कार्यप्रणाली को समझें : डीएम
सोमवार को समाहरणालय स्थित महानंदा सभागार में “सबका सम्मान–जीवन आसान” से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई
-चपाती गांव में गोबर दो रुपये किलो बिक रहा, यूरिया का नहीं होता उपयोग -जनप्रतिनिधियों व पत्रकारों से लिए गए सुझाव किशनगंज सोमवार को समाहरणालय स्थित महानंदा सभागार में “सबका सम्मान–जीवन आसान” से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इसकी अध्यक्षता डीएम ने की. डीएम ने बताया कि नागरिकों को सरकारी सेवाओं के दौरान आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों के समाधान हेतु आवश्यक संस्थागत सुधारों एवं सेवा-सुविधाओं पर व्यावहारिक एवं प्रभावी सुझाव प्राप्त किए जाने हैं. उन्होंने कहा कि प्रमाण-पत्रों की होम डिलीवरी, अस्पतालों एवं भीड़-भाड़ वाले कार्यालयों में कतार प्रबंधन, सुविधाजनक प्रतीक्षा व्यवस्था, वृद्धजनों हेतु घर पर नर्सिंग सहायता, विभिन्न सेवाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया में सहयोग जैसी व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ किया जा सकता है. यह करना लोगों के लिए जरूरी है.इसके लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के आम नागरिकों सहित विभिन्न हितधारक समूहों से विमर्श कर सुझाव एकत्र किए जाएंगे. जिला पदाधिकारी ने असहाय एवं वंचित वर्ग को अधिकतम लाभ पहुंचाने, आरटीपीएस सेवाओं की होम डिलीवरी, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित नागरिक सुविधाओं को सरल बनाने से संबंधित सुझावों पर फीडबैक लिया गया, ताकि इन्हें समेकित कर संबंधित विभागों को भेजा जा सके. बैठक में उपस्थित राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, जनप्रतिनिधियों एवं मुखियाओं द्वारा स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटरों की व्यवस्था सुदृढ़ करने, पर्याप्त डॉक्टर व नर्स की उपलब्धता, जांच मशीनों की व्यवस्था, अस्पतालों में एएनएम एवं डॉक्टर की नियुक्ति, प्रसव केंद्रों की संख्या बढ़ाने, नजदीकी पैक्स में खाद्य एवं बीज की उपलब्धता, पंचायत स्तर पर डॉक्टर एवं एंबुलेंस की सुविधा, पंचायत स्तर पर आरटीपीएस सिंगल विंडो प्रणाली, आधार केंद्रों की स्थापना, राशन संबंधी कार्य पंचायत स्तर पर किए जाने, पंचायतों के सशक्तिकरण, पंचायत सचिव व डाटा ऑपरेटर की शत-प्रतिशत नियुक्ति, कबीर अंत्येष्टि योजना हेतु फंड, योजनाओं के लिए एक मोबाइल ऐप, वृद्धजनों को घर पर सेवा उपलब्ध कराने, पैक्स में प्रशिक्षण सहित खाद्य एवं बीज की व्यवस्था, प्रत्येक पंचायत में पानी का पंप, सोलर पंपिंग हाउस की स्थापना, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र प्रक्रिया को और सरल बनाने जैसी मांगें रखी गईं. खाद्य एवं बीज व्यवस्था पर चर्चा के दौरान डीएम ने चपाती गांव का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए गोबर से ऑर्गेनिक कंपोस्ट तैयार कर उसके उपयोग एवं पॉली हाउस के माध्यम से बीज उत्पादन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चपाती गांव में गोबर दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जाता है, यूरिया का उपयोग नहीं किया जाता है तथा ऑर्गेनिक खाद्य उत्पाद डेढ़ गुना अधिक मूल्य पर बिकते हैं. जिला पदाधिकारी ने सभी सदस्यों से चपाती गांव का भ्रमण कर वहां की कार्यप्रणाली को समझने का आग्रह किया. बैठक में ग्रामीण सखी, जीविका के माध्यम से घर-घर जाकर सरकारी योजनाओं की जानकारी देने, भूमिहीन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने, शहरी क्षेत्रों में भूमिहीन परिवारों हेतु मल्टी-बिल्डिंग मॉडल के तहत पशुपालन की सुविधा, ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया को सरल बनाने एवं रिन्यूअल प्रक्रिया में सुधार, शहरी क्षेत्रों में उप स्वास्थ्य केंद्र एवं वेलनेस सेंटर की स्थापना, कॉमन सर्विस योजना को मजबूत करने, डाकघर पोस्ट पेमेंट बैंक के लिए स्थायी कार्यालय, थाना से लेकर जिला स्तर तक सभी कार्यालयों के बाहर फीडबैक हेतु क्यूआर कोड उपलब्ध कराने जैसी मांगें भी रखी गईं. इसके पश्चात डीएम ने पत्रकारों के साथ बैठक कर सुझाव एवं मांगें प्राप्त कीं. पत्रकारों द्वारा पेंशन सत्यापन घर जाकर किए जाने, दिव्यांगजनों के लिए पंचायत स्तर पर साप्ताहिक, मासिक शिविर, प्रत्येक पंचायत में आरटीपीएस को सशक्त करने, पंचायत स्तर पर आधार अपडेट काउंटर, जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र को समयबद्ध एवं सरल बनाने, अस्पतालों की सूची वेबसाइट पर उपलब्ध कराने, स्वास्थ्य जांच की बेसिक रेट चार्ट प्रदर्शित करने तथा विद्यालयों में शिक्षकों के नाम एवं फोटो अंकित करने जैसी मांगें रखी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
