बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कराया जा रहा, 25 जून से 26 जुलाई घर घर सर्वेक्षण

नाम जोड़ने और हाटने की प्रक्रिया पारदर्शी हो.

By AWADHESH KUMAR | June 29, 2025 7:15 PM

पहाड़कट्टा. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कराया जा रहा है.यह कार्य जिला निर्वाचन पदाधिकारी के मार्गदर्शन में होगा. बीडीओ मो आसिफ एवं सीओ मोहित राज ने रविवार को प्रेसवार्ता में बताया कि यह प्रक्रिया आयोग द्वारा तय दिशा-निर्देश और समय-सारणी के अनुसार चलेगी. इसका उद्देश्य यह है कि सभी पात्र नागरिकों का नाम मतदाता सूची में शामिल हो. कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में न रहे. नाम जोड़ने और हाटने की प्रक्रिया पारदर्शी हो. सीओ मोहित राज ने बताया कि बिहार में पिछली बार गहन पुनरीक्षण 2003 में हुआ था.अब शहरीकरण, प्रवासन, 18 वर्ष की उम्र पुरी करने वाले नए युवाओं की संख्या बढ़ने और अवैध विदेशी नागरिकों के नाम जुड़ने की आंशका के कारण यह पुनरीक्षण जरूरी हो गया है. इससे त्रुटीरहित और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार की जा सकेगी. इस प्रक्रिया में बीएलओ घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे. हर मतदाता को दो कॉपी प्रपत्र दी जाएगी. मतदाता को इसे भरकर निर्वाचन आयोग द्वारा तय 11 दस्तावेजों में से कोई एक और माता-पिता का कोई एक दस्तावेज देना होगा. बीएलओ इसे ऑनलाइन अपडेड करेंगे. वही बीडीओ ने बताया कि इस कार्य की निगरानी के लिए 10 बीएलओ पर एक सुपरवाइजर की नियुक्ति की गई है. लापरवाही बरतने वाले कर्मियों की रिपोर्ट जिला निर्वाचन पदाधिकारी को भेजी जाएगी.

पुनरीक्षण की मुख्य तिथियां

■25 जून से 26 जुलाई 2025 घर घर सर्वेक्षण.

■1 अगस्त 2025 प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन.

■1 अगस्त -1 सितंबर 2025 दावा आपत्ति लेने की तिथि.

■30 सितंबर अंतिम प्रारूप के प्रकाशन की तिथि.

पुनरीक्षण क्यों जरूरी

विशेष गहन पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था. वर्तमान में शहरीकरण, प्रवासन, नए मतदाताओं की संख्या में वृद्धि, मृतकों के नामों का अद्यतन न होना और अवैध नागरिकों के नाम सूची में होने जैसी समस्याओं के चलते यह पुनरीक्षण आवश्यक हो गया है. निर्वाचन नामावली की शुद्धता ही स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की नींव है.

प्रक्रिया की प्रमुख बातें.

प्रत्येक मतदाता को गणना फार्म भरना होगा जिसे बीएलओ घर-घर जाकर वितरित और संग्रह करेंगे. फॉर्म भरने की ऑनलाइन सुविधा.

मतदाताओं को देने होंगे ये प्रमाण-पत्र

■केंद्रीय, राज्य, पीएसयू के नियमित कर्मचारी, पेंशनभोगी को निर्गत कोई पहचान पत्र, पेंशन भुगतान आदेश.

■सरकार, स्थानीय प्राधिकरण, बैंक, डाकघर, एलआईसी, पीएसयू द्वारा भारत में 1.07.1987 से पूर्व निर्गत किया. गया कोई भी पहचान पत्र, प्रमाण पत्र, दस्तावेज.

■सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र.

■पासपोर्ट.

■मान्यता प्राप्त बोर्ड,विश्वविद्यालयों द्वारा निर्गत मेट्रिकुलेशन, शैक्षणिक प्रमाण पत्र.

■सक्षम राज्य प्राधिकार द्वारा निर्गत स्थायी निवास प्रमाण पत्र.

■वन अधिकार प्रमाण पत्र.

पसक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत ओबीसी, एससी, एसटी या कोई जाति प्रमाण पत्र.

■राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर.

■राज्य,स्थानीय प्राधिकारों द्वारा तैयार किया गया पारिवारिक रजिस्टर.

■सरकार की कोई भी भूमि, मकान आवंटन प्रमाण पत्र.

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