प्रशिक्षण में स्वास्थ्यकर्मियों को दिया दिशा-निर्देश
प्रसव कक्ष की देखभाल हो, मातृ मृत्यु की रोकथाम हो या स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी.
किशनगंजजिले की मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक भरोसेमंद, सुरक्षित और समयबद्ध बनाने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से सदर अस्पताल में सुमन, लक्ष्य जैसे महत्त्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुए. इन कार्यक्रमों का उद्देश्य केवल स्वास्थ्यकर्मियों को दिशा-निर्देश देना नहीं था, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि आने वाले दिनों में हर गर्भवती महिला और हर नवजात शिशु को अधिक गुणवत्तापूर्ण और सम्मानजनक सेवाएँ मिलें. चाहे वह प्रसव कक्ष की देखभाल हो, मातृ मृत्यु की रोकथाम हो या स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी. इन प्रशिक्षणों से आम लोगों का सीधा लाभ इसलिए बढ़ेगा क्योंकि अस्पतालों में मिलने वाली सेवाएँ अधिक जवाबदेह, व्यवस्थित और जोखिम-मुक्त होंगी.
हर माँ और हर नवजात को सुरक्षा देना सर्वोच्च प्राथमिकता है
कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर राज कुमार चौधरी ने कहा कि इन प्रशिक्षणों का मकसद तकनीकी जानकारी देना भर नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि गर्भवती महिलाएँ अस्पताल में खुद को सुरक्षित महसूस करें, प्रसव सेवाएँ समय पर मिलें और किसी भी जोखिम की पहचान पहले ही हो जाए. जिला प्रशासन इस दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि जब स्वास्थ्यकर्मी स्पष्ट प्रोटोकॉल के अनुसार काम करते हैं, तो जटिलताओं की संभावना कम होती है. परिवारों का अस्पतालों पर भरोसा और मजबूत होता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
