कालाजार होने पर निशुल्क इलाज के साथ सरकार देती 7100 रुपये
कालाजार केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि वर्षों से गरीब, ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों में चुपचाप जान लेने वाला संक्रमण है
-कालाजार के विरोध में 22 दिसंबर से 31 तक चल रहा अभियान, आशा घर-घर जाकर दे रही जानकारी
-कालाजार: एक मूक जानलेवा बीमारी, जिसकी अनदेखी अब नहींकिशनगंज
कालाजार केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि वर्षों से गरीब, ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों में चुपचाप जान लेने वाला संक्रमण है. यह रोग धीरे-धीरे शरीर को कमजोर करता है, खून की कमी बढ़ाता है. इसी गंभीर खतरे को देखते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक कालाजार के पूर्ण उन्मूलन का स्पष्ट और समयबद्ध लक्ष्य तय किया है. 22 दिसंबर से जिले में विशेष घर-घर कालाजार रोगी खोज अभियान प्रारंभ किया गया है, जो 31 दिसंबर तक लगातार चलाया जाएगा.इस अभियान का मुख्य फोकस ऐसे लोगों पर है जो कि 15 दिनों या उससे अधिक समय से बुखार से पीड़ित हैं, जिनका वजन लगातार घट रहा है, जिन्हें भूख नहीं लगती या जिनके पेट अथवा तिल्ली में सूजन बढ़ रही है. आशा दीदियां घर-घर जाकर न केवल लोगों से बातचीत कर रही हैं, बल्कि उन्हें यह समझा भी रही हैं कि जांच में देरी जीवन पर भारी पड़ सकती है. सभी संदिग्ध रोगियों की RK-39 किट से निःशुल्क जांच कराई जा रही है .
कालाजार की पुष्टि होने पर रोगी को कुल 7100 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, ताकि इलाज के दौरान पोषण, यात्रा और अन्य आवश्यकताओं में कोई बाधा न आए.आशा दीदियां: कालाजार उन्मूलन अभियान की असली ताकत
भीबीडीसी सलाहकार अविनाश रॉय ने बताया कि इस अभियान की सबसे मजबूत कड़ी हैं आशा कार्यकर्ता, जो गांव-टोले में हर परिवार तक पहुंचकर लोगों का विश्वास जीत रही हैं.सिविल सर्जन सिविल सर्जन ने कहा कि कालाजार उन्मूलन स्वास्थ्य विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है. उन्होंने कहा कि यह बीमारी पूरी तरह इलाज योग्य है, बशर्ते समय पर पहचान हो.
2027 का लक्ष्य तभी संभव, जब लोग आगे आएं
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि कालाजार को छुपाने से नहीं, बल्कि सामने लाने से खत्म किया जा सकता है. आरएस-39 जांच सरल और निःशुल्क है.
जनभागीदारी ही निर्णायक हथियार
जिलाधिकारी विशाल राज ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि कालाजार उन्मूलन केवल प्रशासनिक लक्ष्य नहीं, बल्कि सामाजिक दायित्व है. यदि किसी को लंबे समय से बुखार है तो डरें नहीं, जांच कराएं. सरकार इलाज कर रही है व 7100 रुपये की सहायता राशि दोनों दे रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
