जिले में एआईएमआईएम बना बड़ा फैक्टर,चार में से दो सीट जीतने में हुआ सफल

पूरे बिहार में क्लीन स्वीप करने वाले भाजपा जेडीयू की एनडीए गठबंधन को किशनगंज एक मात्र सीट पर जीत से संतोष करना पड़ा. जिले के एकमात्र ठाकुरगंज विधानसभा सीट पर जेडीयू के गोपाल अग्रवाल को जीत मिली.

By AWADHESH KUMAR | November 14, 2025 9:40 PM

किशनगंज.नेपाल और पश्चिम बंगाल के मुहाने पर अवस्थित किशनगंज जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में किसी भी हवा,मैजिक और सुनामी का कोई असर नहीं दिखता है.तभी तो पूरे बिहार में क्लीन स्वीप करने वाले भाजपा जेडीयू की एनडीए गठबंधन को किशनगंज एक मात्र सीट पर जीत से संतोष करना पड़ा. जिले के एकमात्र ठाकुरगंज विधानसभा सीट पर जेडीयू के गोपाल अग्रवाल को जीत मिली. वहीं बहादुरगंज,किशनगंज और कोचाधामन में एनडीए को हार का सामना करना पड़ा है.कमोबेश यही स्थिति यहां महागठबंधन की भी हुई है सिर्फ किशनगंज सदर सीट पर कांग्रेस के कमरुल होदा ने जीत दर्ज की है.जिले के दो सीटों पर चुनाव लड़ रही राजद का किशनगंज में खाता नहीं खुल पाया. सबसे अधिक फायदा असदुद्दीन ओवैसी को हुआ है जिनकी पार्टी एसआईएमआईएम ने अपने दोनों सीटों को बचाने में कामयाब रहे. जिले की बहादुरगंज और कोचाधामन सीट को एआईएमआईएम ने साल 2020 में भी जीता था. इस बार फिर से जीत लिया है हालांकि इन दोनों सीटों पर दोनों उम्मीदवार नए है.इस बार जिस तरह से पूरे बिहार में वोटिंग के मामले में किशनगंज जिला टॉप किया वहीं राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मुस्लिम समुदाय का किशनगंज में राजद से मोहभंग हुआ है क्योंकि जब से असदुद्दीन ओवैसी ने यहां राजनीति जमीन की तलाश शुरू की है तब से एक बड़ा वोट बैंक एआईएमआईएम से जुड़ा है. ओवैसी की पार्टी का यहां लगातार विस्तार हुआ है.वहीं पिछले चुनाव में ओवैसी की पार्टी से जीतने वाले विधायकों ने बाद में पाला बदल लिया इसके बावजूद नए उम्मीदवार को मैदान में उतारने के बाद भी ओवैसी ने अपना प्रदर्शन ठीक रखा,और अपने दोनों सीट को जहां बचाने में सफल रहे वहीं दो अन्य सीट ठाकुरगंज और किशनगंज में भी उनके उम्मीदवारों को ठीक ठाक वोट मिला है.कुल मिलाकर ओवैसी ने जिले की राजनीति को पूरी तरह से बदल दिया है.आने वाले समय में इसका व्यापक असर भी देखने को मिलेगा.

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