गर्भावस्था के दौरान लगभग 70-80 प्रतिशत महिलाओं में एनीमिया की समस्या

स्वस्थ मां, स्वस्थ समाज: केवल आयरन नहीं, संतुलित आहार भी है जरूरी

By AWADHESH KUMAR | November 13, 2025 8:07 PM

-स्वस्थ मां, स्वस्थ समाज: केवल आयरन नहीं, संतुलित आहार भी है जरूरी

किशनगंज

ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस के अवसर पर जिले के विभिन्न स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के बीच मातृ एनीमिया (खून की कमी) से बचाव हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस दौरान स्वास्थ्यकर्मियों ने महिलाओं को समझाया कि एनीमिया केवल आयरन-फोलिक एसिड की गोली लेने से ही नहीं, बल्कि संतुलित भोजन और आवश्यक पोषक तत्वों के सेवन से ही पूरी तरह नियंत्रित हो सकता है.

गर्भावस्था के दौरान लगभग 70-80 प्रतिशत महिलाओं में एनीमिया की समस्या देखी जाती है. इससे न केवल मातृ स्वास्थ्य प्रभावित होता है बल्कि शिशु के विकास पर भी विपरीत असर पड़ता है. महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शबनम यास्मीन ने कहा कि अक्सर महिलाओं में यह भ्रम होता है कि केवल आईएफए गोली लेने से एनीमिया नियंत्रित हो जाएगा, जबकि सच्चाई यह है कि शरीर को संतुलित आहार, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, मौसमी फल, अंकुरित अनाज, गुड़ और पर्याप्त पानी की भी जरूरत होती है. जागरूकता और सही खानपान दोनों मिलकर ही मातृ स्वास्थ्य को सशक्त बना सकते हैं.

आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गांव की महिलाओं के साथ संवाद कर यह भी समझाया कि स्वास्थ्य दिवस केवल टीकाकरण तक सीमित नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच है जहां गर्भवती महिलाएं पोषण, एनीमिया, प्रसव पूर्व जांच और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बातों पर खुलकर चर्चा कर सकती हैं. महिलाओं को बताया गया कि लाल चिह्न वाले भोजन जैसे चुकंदर, पालक, सेब, मसूर और गुड़-के नियमित सेवन से शरीर में आयरन का स्तर बढ़ता है.

सिविल सर्जन ने दिया ‘एनीमिया मुक्त किशनगंज’ का संदेश

कार्यक्रम की निगरानी कर रहे सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने कहा कि मातृ एनीमिया रोकथाम के लिए सामुदायिक जागरूकता सबसे प्रभावी हथियार है. जब तक हर घर में यह समझ नहीं बनेगी कि सिर्फ दवा नहीं बल्कि पौष्टिक आहार ही समाधान है, तब तक यह समस्या जड़ से खत्म नहीं हो सकती. स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले महीनों में एनीमिया मुक्त किशनगंज अभियान को हर पंचायत तक पहुंचाया जाए.”

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