गोगरी नारायणपुर तटबंध ही बाढ़ पीड़ितों की एकमात्र शरणस्थली
गोगरी नारायणपुर तटबंध ही बाढ़ पीड़ितों की एकमात्र शरणस्थली
परबत्ता. प्रखंड के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लोगों का जीवन स्तर बद्तर होता जा रहा है. सैकड़ों परिवार जहां पलायन कर ऊंचे स्थानों पर चले गये. वहीं हजारों संख्या में लोग अपने छत पर परिजनों के साथ गुजर बसर करने को मजबूर हैं. माधवपुर, मुरादपुर, विष्णुपुर, जागृति टोला, तेमथा करारी, सलारपुर भरसो, विकासनगर, भरतखंड आदि गांव में दर्जनों परिवार ऐसे हैं जो सामुदायिक किचन तक पहुंच भी नहीं पा रहे हैं. ऐसे में इन लोगों को भारी संकटों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ के बीच घर के छतों पर रह रहे परिवारों को पेयजल की किल्लत है. बताते चले की प्रखंड क्षेत्र के 10 पंचायत के करीब 1 लाख की आबादी बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित है. गांव में रहने वाले ये वो तबका है, जो खेती एवं पशुपालन पर निर्भर है. किसानों की फसलें पूरी तरह से डूब चुकी है. गोगरी नारायणपुर तटबंध ही बाढ़ पीड़ितों का एकमात्र शरणस्थली है, जहां अपने पशुओं के साथ लोग जीवन जीने को मजबूर हैं. हालांकि प्रशासनिक स्तर पर व्यापक इंतजाम बाढ़ पीड़ितों के लिए किया गया है. करीब तीन दर्जन स्थानों पर सामुदायिक किचन दिन-रात हजारों लोगों के लिए पका हुआ भोजन उपलब्ध करा रही है. पीड़ितों के बीच पॉलीथिन शीट आदि का भी वितरण किया गया.
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