गंगा में भीषण बाढ़ से त्राहिमाम जैसी बनी स्थिति
15 जगहों पर सामुदायिक किचन को मिली हरी झंडी
लगार पंचायत के विशौनी गांव के समीप जीएन बांध पर ओवरफ्लो का खतरा परबत्ता. गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से परबत्ता प्रखंड के सौढ उत्तरी, सौढ दक्षिणी, भरसो ,कुल्हडिया, लगार, तेमथा करारी जोरावरपुर, दरियापुर भेलवा, माधवपुर, कबेला पंचायत के बाढ़ प्रभावित वार्डों में भयावह स्थिति उत्पन्न होने लगी है. माधवपुर पंचायत पूर्ण रूपेण से बाढ़ प्रभावित है. बाढ़ पीड़ित या तो घरों के छत पर या गोगरी नारायणपुर तटबंध पर शरण लिए हैं. रविवार को गोगरी नारायणपुर तटबंध पर बिसौनी चौक के समीप बाढ़ का पानी ओवरफ्लो की स्थिति में पहुंच गया. इसकी जानकारी जल संसाधन बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता राजीव भगत को मिली. उन्होंने तुरंत कनीय अभियंता विजय कुमार भेजकर सुरक्षात्मक कार्य शुरू करवाया. जिससे आसपास के लोगों ने राहत की सांस ली. तेमथा करारी रूपौहली के पास जीएन बांध में कटाव की स्थिति बन रही थी, जिसे दुरूस्त किया गया. कार्यपालक अभियंता राजीव भगत ने बताया कि गोगरी नारायणपुर तटबंध, गोढियासी -नयागांव रिंग बांध सुरक्षित है. जिसपर कनीय अभियंता की टीम अनवरत पेट्रोलिंग कर रही है. इधर अनुमंडल पदाधिकारी सुनंदा कुमारी के निर्देश पर उनके अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. साथ ही बाढ़ पीड़ितों के बीच प्रशासनिक सुविधा मुहैया करवा रहे हैं. 15 जगहों पर सामुदायिक किचन को मिली हरी झंडी बाढ़ से विस्थापितों के बीच प्रशासन के द्वारा सामुदायिक किचन शुरू करने को लेकर केंद्र पर आवश्यक सामग्री भेजा गया. अंचलाधिकारी मोना गुप्ता ने कहा कि परबत्ता प्रखंड के बाढ़ प्रभावित विस्थापितों के बीच 15 सामुदायिक किचन शुरू किया गया है. मुखिया प्रतिनिधि उमेश सिंह, राजेश मंडल बाढ़ पीड़ितों के बीच हर समस्या का समाधान करने के लिए लगें हुए हैं. इधर सीपीआई के जिलामंत्री पुनीत मुखिया, पूर्व जिला मंत्री प्रभाकर सिंह,अंचल सचिव कैलाश पासवान, एआईएसएफ के जिला सह सचिव चार्ली आर्या, सर्वोत्तम, बिट्टू मिश्रा आदि द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों की समस्या सुनी. साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.
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