जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को ले चलाया जा रहा है नाइट ब्लड सर्वे
फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है
खगड़िया. जिले में फाइलेरिया जैसी गंभीर एवं संक्रामक बीमारी से उन्मूलन के लिए नाईट ब्लड सर्वे किया जा रहा है.जो बीते 4 अक्टूबर से जिले में चलाया जा रहा है . सदर प्रखंड के गोराशक्ति मेंसौढ़ी गांव में मुखिया राजेश कुमार सिंह द्वारा रात्री -रक्त संग्रह का उद्घाटन फीता काटकर किया . इस अवसर पर मुखिया राजेश कुमार सिंह ने खून देकर लोगों को इस अभियान के लिए जागरूक किया. उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए नाईट ब्लड सर्वे होना बहुत जरूरी है, जिसमें आप सभी का सहयोग बहुत ही जरूरी है. ताकी पंचायत के साथ गांव को फाइलेरिया मुक्त बना सकें. जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे एक ऐसा सर्वेक्षण है जो फाइलेरिया नामक बीमारी की जांच के लिए किया जाता है. यह सर्वेक्षण रात में किया जाता है, क्योंकि फाइलेरिया के परजीवी जिसे माइक्रोफिलेरिया कहते हैं .ये परजीवी सिर्फ रात में ही रक्त में सक्रिय होते हैं. इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि किसी क्षेत्र में फाइलेरिया से संक्रमित लोगों की संख्या कितनी है. उन्होंने बताया की यह सर्वेक्षण फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. यह सुनिश्चित करता है कि बीमारी से प्रभावित लोगों की पहचान की जाए और उन्हें समय पर उपचार प्रदान किया जाए . सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ विकास कुमार ने बताया की फाइलेरिया रोग मादा क्यूलेस मच्छर के काटने से फैलता है. फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है. आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है . फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) से ग्रसित लोगों को अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है . मौके पर प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक विजय कुमार, सीएचओ रितिका कुमारी, पीरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम लीडर करण कुमार, प्रोग्राम ऑफिसर ओमकार ठाकुर, वीबीडीस राजेश कुमार और एएनएम रेखा कुमारी एवं रुचि कुमारी के साथ साथ आशा और आंगनबाड़ी सेविका व जीविका आदि मौजूद थे.
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