कॉरपोरेट सेक्टर से बड़े-बड़े ऑफर ठुकरा कर की सिविल सेवा की तैयारी, तीसरे प्रयास में टॉपर बने शुभम

कटिहार जिले के कुम्हड़ी निवासी देवानंद सिंह के पुत्र शुभम कुमार संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में टॉपर बने हैं. आइआइटी बॉम्बे से 2017 में बीटेक करने वाले शुभम शुरू से ही पढ़ने में तेज रहे हैं.

By Prabhat Khabar | September 25, 2021 7:28 AM

पटना. कटिहार जिले के कुम्हड़ी निवासी देवानंद सिंह के पुत्र शुभम कुमार संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में टॉपर बने हैं. आइआइटी बॉम्बे से 2017 में बीटेक करने वाले शुभम शुरू से ही पढ़ने में तेज रहे हैं.

यूपीएससी का रिजल्ट जारी होने के बाद शुभम ने प्रभात खबर से खास बातचीत की. बातचीत में शुभम ने कहा कि यूपीएससी में वह तीसरे प्रयास में टॉपर बने हैं. आइआइटी बॉम्बे से पास आउट होने के बाद उन्हें कॉरपोरेट सेक्टर से बड़े-बड़े ऑफर मिले थे, पर वह सिविल सेवा में जाना चाहते थे.

उनके पिता व परिवार के अन्य सदस्यों ने सिविल सेवा की तैयारी में जुटने के लिए प्रेरित किया. पिता देवानंद सिंह, मां पूनम देवी व परिवार के अन्य सदस्यों से मिले सहयोग के वजह से यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली आ गये.

सिविल सेवा की परीक्षा 2019 में उन्हें 290 रैंक आया था. उन्होंने कहा कि समाज के कई ऐसे क्षेत्र हैं, जो अविकसित रह गये हैं. उनकी इच्छा शुरू थी कि सिविल सेवा में शामिल होकर वह क्षेत्र का विकास करेंगे तथा एक बेहतर समाज के निर्माण लिए प्रयत्न करेंगे.

इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए वह सिविल सेवा के क्षेत्र में जाने का मन बनाया. उन्होंने कहा कि उनके इस कामयाबी में उनके पिता-माता व परिवार के अन्य सदस्यों के अलावा शिक्षक आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. मेरी मां पूनम देवी गृहणी हैं, जबकि पिता देवानंद सिंह उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा प्रबंधक पूर्णिया हेड ब्रांच में हैं.

शुभम के प्राम्भिक शिक्षा के बारे में उनके पिता ने बताया कि कक्षा 6 से 10 तक उनकी पढ़ाई विद्या विहार परोड़ा में हुई है और बचपन से ही वह बहुत मेधावी रहा है. शुभम के चाचा कहते हैं कि शुभम से उम्मीद है कि वो कदवा के इस इलाके को बाढ़ की त्रासदी से मुक्ति दिलाने के लिए भी काम करेंगे.

इधर, शुभम के घर में उनके परिवार के लोगों को बधाई देने का ताता लगा हुआ है. कदवा प्रखंड के कुम्हरी गांव में उनके घर में जश्न का माहौल है.

Posted by Ashish Jha

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