बाल विवाह, बाल शोषण व बच्चों से छेड़छाड़ को लेकर जागरुकता अभियान
बाल विवाह, बाल शोषण व बच्चों से छेड़छाड़ को लेकर जागरुकता अभियान
– सुरक्षित शनिवार के तहत किया गया कार्यक्रम कटिहार कटिहार सदर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मधेपुरा में सुरक्षित शनिवार के तहत आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को प्रधानाध्यापक अर्जुन कुमार साहा ने बाल अधिकार, बाल विवाह, बाल शोषण व बच्चों के साथ छेड़छाड़ से बचाव को लेकर जानकारी दी. प्रधानाध्यापक ने बच्चों से कहा कि भारत में बाल विवाह रोकने के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 लागू है. बाल विवाह एक अभिशाप है. यह सामाजिक कुरीति है. इसकी मान्यता न तो सामाजिक तौर पर है और न ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सही है. हमारे देश में कानूनी तौर पर लड़कियों की शादी के लिए कम से कम 18 वर्ष की आयु व लड़कों के लिए कम से कम 21 वर्ष की आयु सीमा तय की गयी है. कम आयु में शादी करना बाल विवाह के अंतर्गत आता है. जो की कानूनी तौर पर अपराध है. प्रधानाध्यापक ने बाल अधिकार की चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार है. 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों के लिए सरकार ने मुक्त व अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान किया है. उन्होंने बाल शोषण व छेड़छाड़ की चर्चा करते हुए बच्चों से कहा कि इसके विरुद्ध आवाज बुलंद करने की आवश्यकता है. सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रखंड स्तर पर बाल अधिकार संरक्षण समिति का गठन किया है. अगर कहीं भी बच्चों का शोषण होता है तो उस पर ठोस कार्रवाई की जायेगी. अगर बच्चों से संबंधित कोई समस्या है तो 1098 पर कॉल कर सकते है. इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकाएं यथा उषा कुमारी, गार्गी कुमारी, दीपमाला कुमारी, सुनीता कुमारी, रेणु कुमारी, अंकित कुमार, शंभूनाथ कुमार ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया.
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