मानव श्रृंखला बनाकर पेंशन पुनरीक्षण कानून का किया विरोध
मानव श्रृंखला बनाकर पेंशन पुनरीक्षण कानून का किया विरोध
– नये पेंशन कानून को वापस लेने की मांग कटिहार ऑल इंडिया पेंसनर्स एसोसिएशन एवं बीएसएनएल (सीएचक्यू) के आहवान पर कटिहार शाखा के सभी सदस्य तथा अन्य संगठन के सदस्यों ने शुक्रवार को स्थानीय टेलीफोन भवन के प्रांगण में जिला स्तर पर भारत सरकार द्वारा पारित पेंशन पुनरीक्षण कानून 2025 को काला कानून बताते हुए विरोध जताया है. संगठन के पदाधिकारियों व सदस्यों के मानव श्रृंखला बनाकर इस कानून पर आक्रोश प्रकट किया तथा उसे वापस लेने की मांग की. सदस्यों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया से पेंसनर्स पक्ष में फैसला आया था और अभी तक उसी के तहत पेंसन, पेंसन रीविजन आदि का काम होता चला आ रहा था. आठवें वेतन आयोग के घोषणा के बाद सरकार ने पुराने पेंसन नियम तथा सुप्रीम कोर्ट के फैसला को खारिज कर को नया पेंसन मेलिडेसन”” एक्ट 2025 लागु कर दिया. इस एक्ट के तहत पुराने पेंसनर का पेंशन रीविजन अब आगे नहीं होगा. आठवें वेतन आयोग के रिपोर्ट का लाभ सिर्फ वैसे पेंसनर को मिलेगा, जो 01-01-2026 के बाद सेवा निवृत होंगे. यह भारत सरकार को पुराने पेंसनर्स पर चलायी गयी दमनकारी काली नीति है. पेंसनर्स द्वारा घोर विरोध किया गया तथा इस काले कानून को अविलम्ब वापस लेने का अपील किया गया. संगठन की ओर से अशोक कुमार, फुलेश्वर यादव, शंकर झा, शमशेर आलम, एसपी सुमन, जेपी रजक, अमिनेश सिंह, आरएन सिंह, मनोज कुमार, चितरंजन सहित बड़ी संख्या में संगठन से प्रतिनिधि शामिल थे.
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