घने कोहरे की चादर में लिपटा रहा दुर्गावती का पूरा इलाका
कछुए की चाल चलने को मजबूर हुए जीटी रोड पर वाहन चालक
कछुए की चाल चलने को मजबूर हुए जीटी रोड पर वाहन चालक दिन में भी वाहन चालकों को लाइट जलाकर चलना पड़ा कर्मनाशा. दुर्गावती प्रखंड का पूरा इलाका रविवार की सुबह घने कोहरे की चादर में लिपटा रहा. धुंध इतनी गहरी थी कि एक-दो मीटर की दूरी पर भी लोग एक-दूसरे को दिखायी नहीं दे रहे थे. इसका सबसे ज्यादा असर जीटी रोड पर देखने को मिला, जहां वाहन चालक कछुए की चाल चलने को मजबूर हो गये. कई स्थानों पर वाहनों के चक्के थम गये. सुबह करीब 8.00 बजे के बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हुई, लेकिन इसके बाद भी जीटी रोड पर सफर करना खतरे से खाली नहीं था. दिन में भी वाहन चालकों को लाइट जलाकर चलना पड़ा. घने कोहरे का प्रकोप शनिवार से ही क्षेत्र में बना हुआ है. शनिवार की सुबह डहला मोड़ के पास एक पशु लदा कंटेनर डिवाइडर से टकरा गया, हालांकि घटना में किसी को चोट नहीं आयी और वाहन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. ठंड के चलते लोग घरों में रहकर सूर्य देव के निकलने का इंतजार करने को मजबूर हो गये थे. सुबह 10 बजे के बाद सूर्य देव के प्रकट होने पर लोगों ने घरों से निकलकर अपनी दिनचर्या शुरू की. इसके पहले लोग सुबह 10.00 बजे तक गर्म कपड़ों में लिपटे रहे. बताया जाता है कि दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र में रात से ही घने कोहरे और गलन का प्रकोप शुरू हो गया, जिससे लोग ठंड से परेशान हो गये. गहरी धुंध और ठिठुरन बढ़ने के साथ ही तापमान भी काफी नीचे लुढ़क गया. मौसम के बदलते मिजाज के चलते आम लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. लोग अपने कार्य सिद्ध करने की रणनीति बनाते हैं, लेकिन मौसम का मिजाज हर दांव पर पानी फेर दे रहा है. घना कोहरा छाने के कारण वाहनों के चक्के थम जा रहे बढ़ती धुंध और ठिठुरन के कारण बाजारों में भी चहल-कदमी कम दिखायी पड़ रही है. जगह-जगह लोग अलाव जलाकर ठंड से निजात पाने में जुटे हैं. मौसम की मार से पशु-पक्षियों की स्थिति भी दयनीय हो गयी है. शाम ढलते ही ये बेजुबान अपने छुपने का ठिकाना तलाशने लगते हैं. जीटी रोड पर चलने वाले मालवाहक वाहन भी कछुए की गति से चलने को मजबूर हो गये हैं. रात से ही घना कोहरा छाने के कारण वाहनों के चक्के बार-बार थम जा रहे हैं. सुबह होने के बाद भी कोहरा खत्म नहीं होने से चालक लाइट जलाकर वाहन चलाने को मजबूर हैं, जिससे समय पर माल गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहा है. घने कोहरे और ठिठुरन का असर खेती-किसानी पर भी पड़ रहा है. कई किसानों का धान अभी खेतों में ही पड़ा हुआ है, लेकिन ठंड के कारण लोग सुबह के समय खेतों में निकलना नहीं चाह रहे हैं, जिसका सीधा प्रभाव खेती पर पड़ रहा है.
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