जोरार दलित बस्ती पथ का किया गया सर्वे, ग्रमीण कार्य विभाग से मंजूरी की आस

परिवाद समाप्ति के दो माह बाद भी पथ निर्माण की दिशा में विभाग ने नहीं की पहल

By VIKASH KUMAR | November 28, 2025 3:28 PM

# परिवाद समाप्ति के दो माह बाद भी पथ निर्माण की दिशा में विभाग ने नहीं की पहल मोहनिया सदर. रामगढ़ थाना क्षेत्र के जोरार महादलित बस्ती में आजादी के बाद से आज तक आवागमन के लिए पक्का रास्ता नसीब नहीं हो सका है. इस मामले को लेकर गांव के ही अनीत कुमार द्वारा अनुमंडलीय लोक शिकायत में परिवाद दायर किया गया था. दायर परिवाद के आलोक में एसपीजीआरओ द्वारा लोक प्राधिकार कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल मोहनिया को नोटिस जारी करते हुए परिवाद में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया गया था, जिसके आलोक में कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग मोहनिया द्वारा उपस्थित होकर अपने प्रतिवेदन पत्रांक 1955, 18 सितंबर 2025 द्वारा प्रतिवेदन करते हुए बताया गया है कि परिवादी अनीत कुमार द्वारा ग्राम जोरार दलित बस्ती से मुख्य सड़क मार्ग में जलभराव व कीचड़ युक्त के संबंध में परिवाद दिया गया है. उक्त पथ का विभाग द्वारा सर्वे एप द्वारा दलित बस्ती जोरार नामक पथ से कर दिया गया है, जिसका बस्ती सर्वे आईडी नंबर 95316 है. ग्रामीण कार्य विभाग पटना द्वारा विभागीय स्वीकृति के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. इसके आलोक में अनुमंडलीय लोग शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा परिवाद को समाप्त कर दिया गया है. लेकिन, परिवाद समाप्ति के लगभग दो माह बाद भी पथ निर्माण की दिशा में अब तक विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की गयी है. परिवादी द्वारा अपने आवेदन में कहा गया है कि ग्राम जोरार दलित बस्ती से मुख्य सड़क तक का संपर्क मार्ग लगभग 200-250 मीटर लंबा है, जो पूर्णत: रैयती भूमि से होकर गुजरता है. बरसात में यह मार्ग कीचड़ युक्त और जल भराव से पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है. रैयती भू-स्वामियों द्वारा लगातार आपत्ति व अवरोध उत्पन्न किया जाता है, जिससे आवागमन बाधित है और जीवन व संपत्ति की सुरक्षा पर गंभीर संकट उत्पन्न हो रहा है. यह स्थिति न केवल मूलभूत सुविधाओं से वंचित करने वाली है, बल्कि आपातकालीन चिकित्सा सहायता और शिक्षा के संवैधानिक अधिकार का भी हनन है. प्रशासनिक हस्तक्षेप द्वारा उक्त मार्ग की भूमि का अधिग्रहण कर पक्का संपर्क पथ का निर्माण कराया जाये, जिससे कानून का शासन और सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो सके.

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