गर्भवती महिलाओं के लिए सदर अस्पताल में मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा शुरू
महिला ओपीडी में की गयी व्यवस्था, सीएस डॉ चंदेश्वरी रजक ने किया उद्घाटन
= महिला ओपीडी में की गयी व्यवस्था, सीएस डॉ चंदेश्वरी रजक ने किया उद्घाटन भभुआ सदर. जिले वासियों के लिए राहत भरी खबर है कि सदर अस्पताल में शुक्रवार से अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा भी शुरू हो गयी है. महिला ओपीडी में स्थापित इस बहुप्रतीक्षित सुविधा का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ चंदेश्वरी रजक और वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ किरण सिंह ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया. इसके साथ ही अब मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच के लिए निजी अस्पतालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. हालांकि, सदर अस्पताल में शुक्रवार से शुरू हुई अल्ट्रासाउंड की सुविधा फिलहाल गर्भवती महिलाओं को ही मिलेगी और उनका नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड किया जायेगा. सिविल सर्जन ने बताया कि सदर अस्पताल में शुरू हुई अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा पूरी तरह नि:शुल्क होगी और खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता दी जायेगी. बताया कि अल्ट्रासाउंड से जटिल प्रसव मामलों की समय पर पहचान और प्रबंधन में काफी मदद मिलेगी. साथ ही यह मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी कारगर साबित होगा. वहीं, अब आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को जांच के लिए अपनी गाढ़ी कमाई भी खर्च नहीं करनी होगी. सीएस ने कहा कि सदर अस्पताल में कार्यरत स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ किरण सिंह और डॉ मनीषा नारायण की निगरानी में यह सुविधा संचालित की जायेगी. शुक्रवार को सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सुविधा की सेवा शुरू होने के दौरान सीएस डॉ चंदेश्वरी रजक ने अल्ट्रासाउंड मशीन का निरीक्षण किया और संचालन प्रक्रिया की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि यह सुविधा मरीजों के लिए समय और पैसे दोनों की बचत करेगी. साथ ही बीमारियों की समय पर पहचान में मदद करेगी. डीएचएस प्रबंधक ऋषिकेश जायसवाल ने बताया कि सदर अस्पताल में जब डॉ किरण सिंह की ड्यूटी महिला ओपीडी में रहती थी, तो उनके द्वारा अल्ट्रासाउंड किया जाता था, लेकिन अब इसे रविवार छोड़कर हर दिन के लिए शुरू कर दिया गया है. फिलहाल गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड किया जायेगा. टेक्नीशियन सहित अन्य व्यवस्था हो जाती है, तो जल्द ही यह सुविधा हर जरूरी मरीजों को मिलने लगेगी. इसके अलावा अब सदर अस्पताल में ही हर दिन अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिलने से इलाज के लिए सदर अस्पताल आयी हुई गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को दलालों और बिचौलियों के फेर में पड़कर प्राइवेट क्लिनिक के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. इसलिए यह सुविधा सरकारी इलाज को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है.
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