दुर्गावती प्रखंड की छांव, खमीदौरा व चेहरिया पैक्स के डिफाल्टर होने से किसान चिंतित
तीन पंचायतों में धान खरीद ठप, किसान औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर
तीन पंचायतों में धान खरीद ठप, किसान औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर लक्ष्य व सीसी मिलने के बाद भी नहीं सुधरी स्थिति, टैगिंग का इंतजार कर्मनाशा. दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत छांव, खमीदौरा व चेहरियां पैक्सों को सहकारिता विभाग द्वारा डिफाल्टर घोषित किये जाने से संबंधित पंचायतों के किसानों से धान की अधिप्राप्ति नहीं हो रही है. इससे छांव, खमीदौरा व चेहरियां पंचायत के किसानों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. किसान औने-पौने दाम पर व्यापारियों को धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं. स्थिति यह है कि अब तक नजदीकी पैक्सों से इन डिफाल्टर पैक्सों को टैग भी नहीं किया गया है. विभागीय उदासीनता के कारण किसानों की बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है. सरकार द्वारा 15 नवंबर से ही किसानों से 2369 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान क्रय करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन जिला स्तर से प्रखंडों को न तो समय पर लक्ष्य निर्धारित किया गया और न ही सीसी आवंटित की गयी. इस गंभीर समस्या को प्रभात खबर के 12 दिसंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था. इसके बाद खबर का असर दिखा और दो-तीन दिन पहले जिला से प्रखंड को धान क्रय का लक्ष्य निर्धारित किया गया, साथ ही सीसी भी आवंटित कर दी गयी. दुर्गावती प्रखंड को 143000 क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य दिया गया है और लक्ष्य का 20 प्रतिशत सीसी पैक्सों को आवंटित किया गया है. लक्ष्य निर्धारित होने के बाद पैक्सों द्वारा धान की खरीद शुरू कर दी गयी है, लेकिन फिलहाल खरीद की गति काफी धीमी है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार दुर्गावती प्रखंड में अब तक 1100 एमटी धान की खरीद हो सकी है. प्रखंड में कुल 13 पैक्स समितियां हैं, जिनमें 10 पंचायतों की पैक्स समितियों द्वारा धान की अधिप्राप्ति शुरू कर दी गयी है. लेकिन डिफाल्टर घोषित किये जाने के कारण खमीदौरा, छांव व चेहरियां पैक्स में अब तक धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी है. सरकार के निर्देश के एक महीने बाद भी इन पंचायतों में धान खरीद ठप है, जिससे किसान समर्थन मूल्य से वंचित हैं. हैरानी की बात यह है कि एक महीने बाद भी इन तीनों डिफाल्टर पैक्सों को किसी नजदीकी पैक्स से टैग नहीं किया गया है. क्या कहते हैं किसान — छांव गांव निवासी किसान गजानंद यादव ने बताया कि विभागीय उदासीनता के कारण किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. इसमें किसानों की कोई गलती नहीं है. क्रय केंद्रों पर खरीद नहीं होने से किसान मजबूरी में व्यापारियों को कम कीमत पर धान बेच रहे हैं. विभाग को जल्द से जल्द नजदीकी पैक्स से टैग करना चाहिए, ताकि किसानों को समर्थन मूल्य मिल सके. — छांव गांव के ही किसान सुनील सिंह ने बताया कि पैक्स क्रय केंद्र पर धान खरीद शुरू नहीं होने से उन्हें 1800 से 1900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान बेचना पड़ रहा है. इससे प्रति क्विंटल 400 से 500 रुपये का नुकसान हो रहा है. विभाग को तुरंत नजदीकी पैक्स से टैग कर देना चाहिए, ताकि बचे हुए किसान समर्थन मूल्य का लाभ ले सकें. क्या कहते हैं पैक्स अध्यक्ष छांव पैक्स अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने बताया कि 75 लाख रुपये के बकाया में से 50 लाख रुपये विभाग में जमा कर दिये गये हैं. गुरुवार को शेष 25 लाख रुपये भी जमा करा दिये जायेंगे. इसके बाद एक-दो दिन में पैक्स समिति में धान की खरीद शुरू कर दी जायेगी. क्या कहते हैं अधिकारी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी विवेक कुमार ने बताया कि जिला से धान खरीद का लक्ष्य प्राप्त हो गया है. दुर्गावती प्रखंड को 143000 क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य मिला है व लक्ष्य के अनुरूप 20 प्रतिशत सीसी आवंटित की गयी है. अब तक 1100 एमटी धान की खरीद हो चुकी है. छांव, खमीदौरा व चेहरियां पैक्स को डिफाल्टर घोषित किया गया है, इस कारण वहां फिलहाल खरीद नहीं हो रही है. वरीय अधिकारियों के निर्देश मिलते ही एक-दो दिन में इन पैक्सों को नजदीकी पैक्स से टैग कर दिया जायेगा. इनसेट खेतों में लेटे धान से बढ़ा किसानों का खर्च कर्मनाशा. दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र में कई स्थानों पर धान की फसल खेतों में लेट गयी है. ऐसे धान की कटाई मिनी हार्वेस्टर से ही हो पा रही है, जिसमें किसानों को 3600 से 4200 रुपये प्रति घंटा खर्च करना पड़ रहा है. एक घंटे में मुश्किल से डेढ़ से दो बीघा धान की कटाई हो पाती है. वहीं बड़े हार्वेस्टर से कटाई कराने पर पहले 2000 से 2200 रुपये प्रति एकड़ खर्च आता था. मौहरिया गांव निवासी किसान प्रिंस यादव ने बताया कि नमी के कारण कई जगह धान सड़ गये हैं या उसमें पईया निकल जा रहे हैं. इस वर्ष किसानों को उपज से अधिक लागत उठानी पड़ रही है, जिससे उनकी कमर टूट गयी है.
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