जलजमाव की समस्या से नहीं मिली निजात, तो किसान करेंगे आंदोलन
प्रत्येक वर्ष जलजमाव से बर्बाद हो जाती है किसानों की फसल
मोहनिया शहर.
प्रखंड के अमेठ सहित कई गांवों के सिवाना में जलजमाव से वर्षों से बर्बाद हो रहीं फसलें को लेकर किसानों में काफी नाराजगी है. गुरुवार को किसानों ने बैठक कर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की. किसानों ने कहा कि यदि इस पर स्थानीय प्रशासन ध्यान नहीं देता है, तो हमलोग आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. मालूम हो की उसरी माइनर और मोहनियां माइनर को उसको टेल तक नहीं पहुंचाकर बीच में ही छोड़ दिया गया है. उसरी माइनर को मुठानी रेलवे स्टेशन के पश्चिम कौड़ीराम रेलवे पुल में और मोहनियां माइनर को डडवा मौजा में ही छोड़ दिया गया है. इससे बिना बरसात के ही बाढ़ जैसे हालात हो गये हैं. इससे मामादेव, मझाडी, घेघिया, डडवा, भरखर, दुघरा, कुर्रा, अकोढी, डिडिखिली, कर्णपुरा, लुरपुरवा आदि गांव बुरी तरह प्रभावित हैं. किसानों ने कहा कि यदि हमलोगों की समस्या पर जिला प्रशासन ध्यान नहीं देती है, तो हमलोग आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जायेंगे. क्योंकि, यह समस्या वर्षों की है. इस अवसर पर दुघरा निवासी किसान उपेंद्र सिंह पटेल, मुन्ना सिंह, भरखर निवासी आनंद कुमार पटेल, वीरेंद्र सिंह, वृजवंश सिंह, अजीत कुशवाहा, रामाशंकर राय, मुन्ना बिंद, देवेन्द्र सिंह, कुर्रा निवासी राकेश मिश्रा, राम औतार मिश्रा, शालिक सिंह, अकोढी निवासी अवधेश कुशवाहा, राजू पटेल, उमेश यादव, बच्चन यादव, अशोक पाण्डेय, विनोद सिंह आदि लोग थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
