Kaimur News : बाल विवाह में शामिल हुए तो पंडित, हलुवाई से लेकर बाजे वाले भी नपेंगे
जिले में होने वाले बाल विवाह के आयोजनों में अगर परिजनों के साथ पंडित, पुरोहित, हलुवाई, टेंट वाले तथा गाजे-बाजे वाले भाग लेंगे, तो जिला प्रशासन स्तर से उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी.
भभुआ. जिले में होने वाले बाल विवाह के आयोजनों में अगर परिजनों के साथ पंडित, पुरोहित, हलुवाई, टेंट वाले तथा गाजे-बाजे वाले भाग लेंगे, तो जिला प्रशासन स्तर से उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी. अक्षय तृतीया पर होने वाले संभावित बाल विवाह शादियों के रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष निगरानी दल का गठन किया गया है. बाल विवाह के रोकथाम को लेकर महिला व बाल विकास निगम तथा बिहार बाल संरक्षण आयोग द्वारा जिला प्रशासन को पत्र जारी किया गया है. गौरतलब है कि शादी ब्याह के विशेष अवसर और शुभ शगुन के रूप में जाने जाले वाले अक्षय तृतीया पर सामूहिक बाल विवाह स्थलों पर विवाहों के आयोजन का प्रचलन देखा जाता है. इसमें सार्वजनिक या गोपनीय तरीके से बाल विवाह आयोजनों की संभावना बनी रहती है. जबकि, बाल विवाह निषेध अधिनियम के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों का बाल विवाह पूरी तरह गैरकानूनी है. इधर, इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आइसीडीएस सरिता रानी ने बताया कि अक्षय तृतीया पर जिले के सार्वजनिक विवाह स्थलों पर होने वाले संभावित बाल विवाहों के रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी कर ली गयी है. इसे लेकर अनुमंडल पदाधिकारी को बाल विवाह निषेध पदाधिकारी तथा प्रखंड विकास पदाधिकारियों को सहायक बाल विवाह निषेध पदाधिकारी बनाया गया, जो अपने अपने क्षेत्र में पुलिस बल के सहयोग के साथ कराये जा रहे बाल विवाहों की रोक थाम करते हुए आवश्यक कार्रवाई करेंगे. उन्होंने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन जिले के सार्वजनिक विवाह स्थलों का विशेष निगरानी दल द्वारा सघन जांच करते हुए यह देखा जायेगा कि कहीं बाल विवाह का आयोजन तो नहीं कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अगर बाल विवाह के मामले पाये जाते हैं तो ऐसे आयोजनों में भाग लेने वाले पंडित, हलुवाई, टेंट वाले, पुरोहित सहित गाजा बाजा बजाने वाले तथा नाच गाना करने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जायेगी. गौरतलब है कि बाल विवाह के कारण बच्चों के शारीरिक, मानसिक व मनोवैज्ञानिक शोषण की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और उनका चहुंमुखी विकास बाधित हो जाता है. ऐसे स्थिति में बच्चों को इसमें फंसने से पूर्व बचाने के लिए तथा बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म करने को लेकर प्रत्येक स्तर पर हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए. इन्सेट टॉल फ्री नंबर 181 व 1098 पर दे सकते हैं बाल विवाह की सूचना भभुआ. अगर कहीं भी सार्वजनिक विवाह स्थलों या किसी भी जगह पर बाल विवाह आयोजित किया जा रहा है, तो इसकी सूचना टॅाल फ्री नंबर 181 तथा 1098 पर किसी द्वारा दिया जा सकता है. सूचना देने वाले का नाम गोपनीय होगा और सूचना पर प्रशासन अविलंब कार्रवाई करेगा. उपरोक्त जानकारी देते हुए सखी वन टॉप सेंटर की प्रभारी सविता कुमारी ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2008 के तहत बाल विवाह पूरी तरह गैरकानूनी है. इसे लेकर सरकार काफी गंभीर है और रोकथाम के लिए कई दिशा निर्देश जारी किये गये हैं. इसमें प्रशासन स्तर पर बाल विवाह के रोकथाम संबंधित जानकारी आम जनता तक पहुंचाने से लेकर अक्षय तृतीया यानी 30 अप्रैल के पूर्व जिले के सभी विद्यालयों में स्कूल छोड़ने वाले छात्र और छात्राओं की सूची की विद्यालय प्रभारी द्वारा समीक्षा करने का भी निर्देश जारी किया गया है. चालू लगन में दो बाल विवाह आयोजनों को प्रशासन ने रोका भभुआ. चालू साल में चल रहे लगन और विवाह में दो जगह पर होने वाले बाल विवाहों को प्रशासन द्वारा रोक दिया गया. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आइसीडीएस सरीता रानी ने बताया कि प्रशासन को यह सूचना मिली थी कि जिले के भगवानपुर प्रखंड के भगवानपुर में एक विधवा महिला द्वारा अपने 15 वर्षीय पुत्री की शादी तय की गयी है. सूचना पर प्रशासन द्वारा पहल कर विधवा महिला को समझा बुझा कर इस शादी के आयोजन को रोकवा दिया गया और उससे शपथ पत्र लिया गया है कि जब तक लड़की बालिग नहीं हो जाती है, तब तक उसकी शादी नहीं करूंगी. इसी तरह नुआवं प्रखंड के चंडेश में भी एक वाल विवाह तय होने की सूचना प्रशासन को प्राप्त हुई थी. उस आयोजन को भी प्रशासन द्वारा रोकवाते हुए अभिभावकों को चेतावनी दे दी गयी है कि अगर लड़की शादी 18 वर्ष के पहले करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
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