Kaimur News : साइबर क्राइम के डायल 1930 से लोगों को मिल रही सहूलियत

साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी आये दिन लोगों को किसी न किसी झांसे में लेकर उनकी गाढ़ी कमाई को लूट ले जा रहे है. हालांकि, साइबर क्राइम के शिकार हो जाने के बाद 24 घंटे के अंदर सरकार द्वारा जारी किये गये हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराने पर कई लोगों के पैसे वापस भी हो रहे हैं.

By PRABHANJAY KUMAR | April 26, 2025 9:20 PM

भभुआ सदर. साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी आये दिन लोगों को किसी न किसी झांसे में लेकर उनकी गाढ़ी कमाई को लूट ले जा रहे है. हालांकि, साइबर क्राइम के शिकार हो जाने के बाद 24 घंटे के अंदर सरकार द्वारा जारी किये गये हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराने पर कई लोगों के पैसे वापस भी हो रहे हैं. उदाहरण के तौर पर साइबर अपराधियों द्वारा भभुआ निवासी रामसूरत प्रसाद के बेटे मृत्युंजय कुमार के बैंक खाते से 100,996 रुपये उड़ा लिया गया. साइबर फ्राॅड का शिकार होने की जानकारी पर मृत्युंजय ने तत्काल ही हेल्पलाइन नंबर 1930 डायल कर अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी. मामले के संज्ञान में आते ही भभुआ साइबर थाना एक्टिव हुई और जिस खाते में ट्रांसफर हुआ था, उसे फ्रीज करा पूरे पैसे को वापस कराया. इसके अलावा मोहनिया थाना क्षेत्र के तोरवा गांव निवासी राकेश सिंह से भी 15 हजार फ्रॉड कर लिया, जिसे साइबर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पूरे पैसे वापस कराया. इसके अलावा भी साइबर पुलिस द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना दिये जाने के 24 घंटे के अंदर ही भभुआ के रहनेवाले कुश कुमार सिंह के 15 हजार, अनुराग कुमार परदेशी के 10 हजार और मोहनिया के लक्ष्मीपुर निवासी आलोक पांडेय का 7100 रुपये वापस कराया जा चुका है. साइबर थाना भभुआ उपाधीक्षक अनिकेत अमर ने जानकारी देते हुए बताया कि साइबर क्राइम के बाद पैसे वापस करने के कुछ नियम होते हैं. अगर फ्रॉड होने के 24 घंटे के अंदर नेशनल साइबर हेल्प लाइन पोर्टल 1930 पर शिकायत दर्ज करा दी जाती है, तो शत-प्रतिशत पैसे की वापसी हो जाती है. उसी तरह तीन दिन पर अलग नियम है. उन्होंने कहा कि फ्रॉड होने के 24 घंटे के अंदर हेल्प लाइन 1930 पर अपनी डिटेल्स शिकायत जरूर दर्ज करा दें. साइबर थाना में भी तत्काल डिटेल्स शिकायत दर्ज कराएं, पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी. बताया कि साइबर क्राइम ऐसी क्रिमिनल एक्टिविटी है, जिसमें कंप्यूटर, नेटवर्क डिवाइस या नेटवर्क के जरिए ठगी की जाती है. साइबर अपराधी इसके जरिए प्राइवेसी से लेकर पैसे तक उड़ा ले जाते हैं. डेटा हैकिंग, फिशिंग मेल, ओटीपी फ्रॉड और मोबाइल फ्रॉड जैसे तमाम अपराध हैं, जिन्हें साइबर अपराधी अंजाम देते हैं. साइबर क्राइम वास्तव में एक अपराध ना होकर विभिन्न अपराधों का समूह है. उसमें हैकिंग, ऑनलाइन ठगी, फिशिंग, स्पैम ईमेल, रैन समवेयर, पोर्नग्राफी, ऑनलाइन ब्लैकमेल व इसी प्रकार के अन्य अपराध आते है. साइबर अपराध रोकने के लिए पुलिस ने टोल फ्री नंबर 1930 जारी किया हैं. यदि किसी के साथ एटीएम बदलकर रकम निकालना, मोबाइल पर फोन कर खाता नंबर, आधार नंबर या अन्य जानकारी लेकर रकम निकालना, झूठे लोन का भरोसा देकर ठगी करना, मैसेज कर ठगी करने के लिए झूठे एप डाउनलोड करवाना, मैसेज देकर ओटीपी नंबर पूछना जैसी घटना कर लोगों के साथ आये दिन लाखों रुपये की ठगी हो रही है. ऐसी घटनाएं होने पर पीड़ित को शीघ्र 1930 नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए. आपकी ये शिकायत संबंधित थाने को पहुंचती है और वहां इस अपराध से जुड़े लोगों पर कार्रवाई शुरू हो जाती है.

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