Kaimur News : पराली जलाने को लेकर 16 किसानों पर केस, 23 का निबंधन लॉक
सरकार द्वारा गेहूं के डंठल जलाये जाने पर रोक लगाने के बावजूद इस साल पराली जलाने के मामले में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है. इसे लेकर जिला कृषि विभाग द्वारा पहले से डीबीटी लॉक 16 किसानों पर सीआरपीसी धारा 188 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है
भभुआ शहर. सरकार द्वारा गेहूं के डंठल जलाये जाने पर रोक लगाने के बावजूद इस साल पराली जलाने के मामले में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है. इसे लेकर जिला कृषि विभाग द्वारा पहले से डीबीटी लॉक 16 किसानों पर सीआरपीसी धारा 188 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है तथा गेहूं के डंठल जलाने वाले 23 किसानों का निबंधन (डीबीटी) लॉक कर दिया गया है. गेहूं की फसल कटने के बाद किसानों द्वारा गेहूं के डंठल जलाये जाने का मामला लगातार सुनने को मिल रहा है. इसको देखते हुए प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी शिवजी कुमार ने कृषि समन्वयक व सलाहकारों के साथ शनिवार को जिला कृषि विभाग सभागार में बैठक की. इसमें कहा कि गेहूं के डंठल जलाने का शिकायत लगातार मिल रही है, जिसको लेकर सभी किसान सलाहकार व समन्वयक गांव-गांव घूम कर बारीकी से पता करें, साथ ही पराली जला रहे किसानों का निबंधन लॉक व प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ किसानों को जागरूक करें. = पर्यावरण प्रदूषण का बढ़ रहा गंभीर खतरा खेतों में पराली जलाने से उत्पन्न होने वाले पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं सहित अगलगी की घटनाओं के रोकथाम को लेकर कृषि विभाग द्वारा लगातार जागरूकता रैली का आयोजन किया जाता है. किसानों को जागरूकता के माध्यम से बताया जाता है कि किसान पराली से किस तरह से आमदनी कर सकते हैं तथा कृषि विशेषज्ञों द्वारा यह भी बताया जाता है कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता खत्म होती है और पर्यावरण प्रदूषण के साथ श्वसन रोग बढ़ता है. यह पहल न केवल पर्यावरण की रक्षा बल्कि भावी पीढ़ियों को स्वस्थ और समृद्ध भविष्य देने के दिशा में भी एक बड़ा कदम है. अत: किसान पराली न जलाकर इसका उपयोग जैविक खाद या पशुचारे के रूप में करें. पराली को भूसा बनाने के लिए सरकार किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र भी उपलब्ध करा रही है.
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