जगदानंद सिंह के गढ़ रामगढ़ में पहली बार जीतकर बसपा ने रचा इतिहास
KAIMUR NEWS.जगदानंद सिंह का गढ़ मानी जानी वाली रामगढ़ विधानसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी सतीश कुमार सिंह यादव ने चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया. इस सीट पर अब तक के हुए चुनावों में आजादी के बाद बसपा की यह पहली बार जीत है.
बसपा के सतीश यादव ने महज 30 वोटों से दर्ज की जीत
एनडीए समर्पित भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह को हरायाप्रतिनिधि, कर्मनाशा.
जगदानंद सिंह का गढ़ मानी जानी वाली रामगढ़ विधानसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी सतीश कुमार सिंह यादव ने चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया. इस सीट पर अब तक के हुए चुनावों में आजादी के बाद बसपा की यह पहली बार जीत है. 2020 विस चुनाव और 2024 के उपचुनाव में बसपा के उम्मीदवार यहां दूसरे स्थान पर रहे थे. वहीं 2025 रामगढ़ विधानसभा चुनाव में बसपा के सतीश यादव महज 30 वोटों से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. वो पूर्व विधायक अंबिका सिंह यादव के भतीजे हैं. उन्होंने एनडीए समर्पित भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह को हराया, जो निवर्तमान विधायक थे. जबकि, राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे पुत्र अजीत कुमार सिंह तीसरे स्थान पर और जनसुराज के प्रत्याशी आनंद कुमार सिंह चौथे स्थान पर रहे. रामगढ़ में कुल छह प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. बसपा प्रत्याशी सतीश यादव को 72, 689 मत, भाजपा प्रत्याशी अशोक सिंह को 72, 659 मत, राजद प्रत्याशी अजीत कुमार सिंह को 41,480 मत, जनसुराज के आनंद कुमार सिंह को 4426 मत, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के घुरेलाल राजभर को 1779 और निर्दलीय रामप्रवेश सिंह को 657 मत मिले. मालूम हो कि 2024 के उपचुनाव में रामगढ़ से बसपा प्रत्याशी सतीश यादव महज 1362 वोटों से हार गये थे. तब उपचुनाव भाजपा के अशोक कुमार ने सिंह जीता था. 2015 में पहली बार भाजपा के टिकट पर अशोक सिंह ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी, हालांकि 2020 के चुनाव में अशोक सिंह हार गये थे.1985 से 2015 तक यह सीट जगदानंद सिंह और राजद नेता अंबिका यादव के पास रही
बता दें कि रामगढ़ जगदानंद सिंह और लालू यादव की पार्टी राजद का गढ़ माना जाता है. साल 1985 से 2015 तक यह सीट जगदानंद सिंह और राजद नेता अंबिका यादव के पास रही. 2015 के विधानसभा चुनाव में रामगढ़ पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राजद उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने रामगढ़ बीजेपी से छीन ली था. लेकिन रामगढ़ में हुए उपचुनाव वापस दूसरी बार यह सीट बीजेपी के खाते में चली आयी. यह सीट जगदानंद सिंह के बेटे और नीतीश सरकार में कृषि मंत्री रहे सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बाद खाली हो गयी. 2024 में लोकसभा चुनाव जीतकर सुधाकर सिंह दिल्ली चले गये. उसके बाद उपचुनाव में राजद ने जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह को उतारा था. तब अशोक सिंह ने उन्हें पराजित कर दिया था.1985 में जगदानंद सिंह रामगढ़ से बने थे विधायक
रामगढ़ में सन् 1985 में जगदानंद सिंह विधायक बने, तब उन्होंने लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा. जनता दल के गठन के बाद 1990 में वे इस दल के टिकट पर उतरे और जीत दर्ज की. 1995 में भी जनता दल से ही चुनाव जीते. इसी बीच जनता दल टूट गया तो लालू यादव ने अपनी अलग पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) बना ली. इसके बाद 2000 और 2005 के दोनों चुनावों में जगदानंद सिंह राजद के टिकट पर ही चुनाव लड़े और जीत दर्ज की. 2009 और 2010 में राजद ने अंबिका यादव को इस सीट पर उतारा. वह 2015 तक यहां के विधायक रहे. साल 2015 के चुनाव में इस सीट पर राजद की हार हुई थी और बीजेपी के अशोक कुमार सिंह विधायक बने थे. रामगढ़ विधानसभा सीट में 2020 चुनाव में आरजेडी के सुधाकर सिंह ने 58,083 वोट पाकर मात्र 189 मतों से जीत हासिल की थी. तब दूसरे स्थान पर बसपा के अंबिका यादव (57,894 वोट) रहे थे और भाजपा के अशोक कुमार सिंह को 56,084 वोट मिले थे. 2024 उपचुनाव में भाजपा के अशोक कुमार सिंह ने 62,257 वोट पाकर जीत दर्ज की थी. वहीं बसपा के सतीश कुमार सिंह यादव 60,895 वोट के साथ दूसरे नंबर पर थे, जबकि आरजेडी के अजीत कुमार सिंह 35,825 वोट के साथ तीसरे नंबर पर थे. लेकिन, इस बार रामगढ़ से जितने में बसपा प्रत्याशी सतीश यादव कामयाब रहे. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के अशोक सिंह को हरा कर रामगढ़ सीट पर कब्जा जमाया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
