स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बिलिंग प्रक्रिया में आयेगी पारदर्शिता

KAIMUR NEWS.विद्युत आपूर्ति प्रमंडल भभुआ के अंतर्गत उपभोक्ताओं के पुराने विद्युत मीटरों को हटाकर स्मार्ट मीटर का अधिष्ठापन किया जा रहा है. स्मार्ट मीटर लगाये जाने के दौरान उपभोक्ताओं से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा रहा है.

By VIKASH KUMAR | December 17, 2025 3:27 PM

उपभोक्ताओं के पुराने विद्युत मीटरों को हटाकर लगाय जा रहा स्मार्ट मीटर

प्रतिनिधि, भभुआ शहर.

विद्युत आपूर्ति प्रमंडल भभुआ के अंतर्गत उपभोक्ताओं के पुराने विद्युत मीटरों को हटाकर स्मार्ट मीटर का अधिष्ठापन किया जा रहा है. स्मार्ट मीटर लगाये जाने के दौरान उपभोक्ताओं से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा रहा है. इस संबंध में विद्युत कार्यपालक अभियंता भभुआ शशिकांत कुमार ने बताया कि स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं का डाटा स्वतः बिलिंग सर्वर पर पहुंच जाता है, जिससे मीटर रीडर द्वारा रीडिंग लेने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है. इसके माध्यम से उपभोक्ता ऑनलाइन समय पर अपना विद्युत विपत्र प्राप्त कर सकते हैं. मानव हस्तक्षेप न होने के कारण विपत्र में त्रुटि की संभावना नहीं के बराबर रहती है.उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर से बिलिंग प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो जाती है, जिससे उपभोक्ताओं को अपने विद्युत विपत्र को समझने में आसानी होती है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को दैनिक ऊर्जा खपत और राशि की कटौती की जानकारी वास्तविक समय में उपलब्ध कराता है. इससे उपभोक्ता अपनी खपत की आदतों को समझकर ऊर्जा की बचत कर सकते हैं और विपत्र की राशि कम कर सकते हैं.वास्तविक समय में उपलब्ध डाटा के आधार पर अधिक ऊर्जा खपत करने वाले उपकरणों की पहचान की जा सकती है, जिससे ऊर्जा संरक्षण के उपाय अपनाये जा सकते हैं. स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन से पूर्व उपभोक्ताओं को बकाया विद्युत राशि किस्तों में जमा करने की सुविधा दी जा रही है, जिससे उन्हें एकमुश्त भुगतान के वित्तीय बोझ से राहत मिलती है.

नये विद्युत कनेक्शन पर किसी प्रकार की प्रतिभूति राशि नहीं ली जाती

कार्यपालक अभियंता ने बताया कि स्मार्ट मीटर के माध्यम से नये विद्युत कनेक्शन पर किसी प्रकार की प्रतिभूति राशि नहीं ली जाती है. वहीं, स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन के बाद यदि मैक्सिमम डिमांड स्वीकृत भार से अधिक हो जाती है, तो उपभोक्ताओं को छह माह तक मैक्सिमम डिमांड शुल्क से राहत दी जाती है. उन्होंने यह भी बताया कि उपभोक्ताओं के परिसरों में सोलर पैनल लगाये जाने के बाद स्मार्ट मीटर को स्वतः नेट मीटर में परिवर्तित कर दिया जाता है, जिससे अलग से नेट मीटर खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. स्मार्ट मीटर से प्राप्त सटीक एवं विस्तृत डाटा से विद्युत आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान संभव हो पाता है. उपभोक्ताओं को मोबाइल एप के माध्यम से ही विद्युत विपत्र प्राप्त हो जाता है और वे बिना विद्युत कार्यालय गये अपने स्मार्ट मीटर का रिचार्ज भी कर सकते हैं. त्रुटिरहित विपत्रीकरण से उपभोक्ताओं को विद्युत कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर में डिस्कनेक्शन की स्थिति में मीटर में लगे पुश बटन की सहायता से बिजली पुनः चालू की जा सकती है. ऐसा करने पर 72 घंटे तक विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं होगी. यह सुविधा महीने में एक बार उपलब्ध है. खपत से संबंधित किसी भी भ्रम को दूर करने के लिए विभाग की ओर से विभिन्न स्थानों पर स्मार्ट मीटर के साथ चेक मीटर का भी अधिष्ठापन किया जा रहा है, ताकि स्मार्ट मीटर की शुद्धता को प्रमाणित किया जा सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है