आशा की हड़ताल से ओपीडी सेवा रही प्रभावित
आशा कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर दूसरे दिन भी रही हड़ताल पर
दुर्गावती. बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (संबद्ध महासंघ गोप गुट) एक्टू के आह्वान पर स्थानीय पीएचसी अंतर्गत सभी आशा अपनी मांगों को लेकर दूसरे दिन बुधवार को भी हड़ताल पर डटी रहीं. आशा लंबित मांगों को सरकार द्वारा पूरी नहीं किये जाने पर पांच दिवसीय हड़ताल पर हैं. मिली जानकारी के अनुसार, हड़ताल की जानकारी देने व अपनी मांगों को औपचारिक रूप से रखने के लिए आशाओं ने सामूहिक रूप से पीएचसी प्रभारी को पत्र सौंपा है. इसमें स्पष्ट किया है कि वे अपनी मांगों को लेकर 20 मई से 24 मई तक हड़ताल पर रहेंगी. इसके साथ ही धरना प्रदर्शन व हड़ताल के चलते दिन के 9:00 बजे से लगभग 12:00 बजे तक ओपीडी सेवा बंद रही. इनकी मुख्य मांगों में पूर्व में हुए समझौते को लागू किया जाये, बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि दी जाये. आशा व आशा फेसिलिटेटर के लिए 21 हजार रुपये न्यूनतम मासिक मानदेय निर्धारित करने की मांग की. रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष करने, सेवानिवृत्ति के समय 10 लाख रुपये का रिटायरमेंट पैकेज व अनिवार्य मासिक पेंशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की. 2023 में हुए समझौते के अनुरूप आशा और आशा फैसिलिटेटरों के मासिक मानदेय को बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने संबंधी आदेश अविलंब निर्गत करने की मांग की. मौके पर आशा कार्यकर्ता संघ की जमीला खातून, दुर्गा देवी, कंचन देवी, चंदा देवी, रिंकी देवी, मीना देवी, धनरावती देवी, संजू देवी, शिल्पी देवी आदि शामिल रही. इनके हड़ताल पर जाने तथा पीएचसी पर धरना प्रदर्शन के दौरान ओपीडी भी प्रभावित रहा. वहीं, इस संबंध में पीएचसी प्रभारी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ संगीता सिन्हा ने कहा कि इमरजेंसी सेवाएं जारी रही. धरना-प्रदर्शन व हड़ताल से ओपीडी कुछ समय तक बंद रहा. लेकिन, इसके बाद चालू हो गया. साथ ही बताया कि जिला में भी इसकी जानकारी दे दी गयी है.
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