बाजार में 10, 20 व 50 के छोटे नोट की किल्लत, व्यवसाय हो रहा प्रभावित
= छोटे नोट के आवक नहीं होने से दुकानदार-ग्राहक परेशान, प्रशासन से उपलब्ध कराने की गुहार
= छोटे नोट के आवक नहीं होने से दुकानदार-ग्राहक परेशान, प्रशासन से उपलब्ध कराने की गुहार = पिछले छह माह से बनी है किल्लत, यूपीआइ के चलन से कुछ राहत भभुआ सदर. बाजारों में इन दिनों 10, 20 व 50 रुपये के नोटों की भारी किल्लत बनी हुई है, जिसके चलते दुकानदारों व ग्राहकों दोनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्राहक और दुकानदारों के बीच इसको लेकर बहस की नौबत तक आ जा रही है, क्योंकि 10 रुपये का सामान लेने पर ग्राहक 50 रुपये का नोट थमा दे रहे हैं, अब दुकानदार को बाकी के 40 रुपये ग्राहक को लौटाने में नाको चने चबाने पड़ जा रहे हैं. खासकर ग्रामीण इलाकों में 10, 20 और 50 के नोट नहीं रहने से दुकानदारों को फजीहत उठानी पड़ जा रही है. इसके चलते दुकानदारों को रोज नुकसान उठाना पड़ रहा है और दुकानदार दिनभर छुट्टे पैसे इकट्ठा करने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा हैं. शहर के स्थानीय दुकानदारों अशोक गुप्ता, विक्की जायसवाल, गोलू कुमार, बलजीत सिंह, अशोक प्रसाद व अन्य ने बताया कि बाजार से 10 और 20 रुपये के नोट की भारी कमी है और जो कुछ पुराने नोट बाजार में चलन में हैं, उनकी हालत बेहद खराब है. बैंक से भी छुट्टे पैसे नहीं मिलने के कारण परेशानी और बढ़ रही है. वहीं, कुछ दुकानदारों का मानना है कि डिजिटल लेनदेन के बढ़ते चलन से छोटे नोट बाजार से गायब होते जा रहे हैं. इससे ग्राहक भी नाराज होकर लौट जाते हैं. बाजार में अब अधिकतर ग्राहक गूगल पे, फोन पे जैसे डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करने लगे हैं. हालांकि, छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में अभी भी एक बड़ा तबका ऐसा है, जो नकद भुगतान को ही प्राथमिकता देता है. इधर, नोटों की कमी का सीधा असर अब छोटे दुकानदारों की आय पर पड़ रहा है, क्योंकि जिले के ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहक आज भी अधिकतर नकद में ही खरीदारी करते हैं. अगर यही स्थिति रही तो लेनदेन में और परेशानी होगी. दुकानदारों के अनुसार छोटे नोट की किल्लत पिछले छह महीने से है. = 100 रुपये देने पर मिल रहे 90 रुपये के सिक्के बाजार में 10, 20 और 50 रुपये के नोट की भारी किल्लत से जूझ रहे दुकानदारों को 100 रुपये का खुल्ले कराने में 90 रुपये ही मिल रहे हैं यानी छुट्टा कराने पर 10 रुपये वसूले जा रहे है. इससे दुकानदारों को हर तरफ से नुकसान उठाना पड़ता है. दुकानदारों का कहना था कि पहले छोटे नोट आसानी से मिल जाया करते थे, लेकिन अब हालात यह है कि बैंक में नये नोट आने के बाद भी आम जनता तक पहुंचने से पहले ही गायब हो जा रहे हैं. व्यवसायियों और दुकानदारों ने प्रशासन से मांग की है कि लगातार बनी हुई इस गंभीर समस्या को तुरंत सुलझाया जाये. बाजार और बैंकों में छोटे नोट व सिक्कों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाये, ताकि आम जनता और व्यापारी वर्ग को राहत मिल सके. = जहां डिजिटल लेनदेन, वहां नहीं हो रहा कारोबार प्रभावित इधर, डिजिटल पेमेंट का ऐसा जमाना आ गया है कि जिस दुकानदार के पास डिजिटल पेमेंट की सुविधा नहीं है उनका रोजगार मंदा चल रहा है. शहर में अभी भी कई ऐसे दुकानदार हैं जिनके यहां डिजिटल पेमेंट की सुविधा नहीं है. उन दुकानों पर ग्राहक आकर भी सामान नहीं खरीद पाते है, क्योंकि आज अधिकतर लोग मोबाइल के माध्यम से पेमेंट करना चाहते है. लेकिन डिजिटल भुगतान की सुविधा नहीं रहने से ग्राहक बगैर सामान लिये लौट जा रहे हैं. = छोटे नोट की कमी से व्यवसाय हो रहा प्रभावित – बाजार में 10 और 20 रुपये के नोट की कमी से दुकानदारी प्रभावित हो रही है. जब से डिजिटल भुगतान का जमाना आया है, लोग मोबाइल से ही पेमेंट करने की कोशिश करते हैं. इसके चलते छोटे नोट बाजार से गायब है. ठाकुर प्रसाद, किराना व्यवसायी – हर दिन 10, 20 रुपये के खुल्ले नोट के चलते ग्राहकों से झिकझिक करनी पड़ती है. दुकानदारी प्रभावित नहीं हो इसके लिए 10, 20 और 50 रुपये का छुट्टा रखना पड़ता है. उसमें भी सौ रुपये का खुल्ला लेने पर 10 रुपये टैक्स देना पड़ता है यानी 100 कि जगह 90 रुपये ही मिल रहे है. लालबाबू हलवाई, मिष्ठान दुकानदार
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
