Jehanabad : संतान की लंबी उम्र के लिए माताओं ने रखा निर्जला जीवित्पुत्रिका व्रत

रविवार को जिले में आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब माताओं ने अपनी संतान की लंबी उम्र, आरोग्य और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत रखा.

By MINTU KUMAR | September 14, 2025 5:38 PM

अरवल. रविवार को जिले में आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब माताओं ने अपनी संतान की लंबी उम्र, आरोग्य और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत रखा. दोपहर 2 बजे के बाद से ही महिलाएं लोटा और दातुन हाथों में लिए घाटों की ओर जाती नजर आईं. शहर के सोन नदी, पुनपुन नदी, पोखर, तालाब और अन्य जलाशयों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. व्रती महिलाओं ने कोल्हू से पिसा सरसों का तेल, खल्ली, झिंगे का पत्ता, तथा अन्य पूजन सामग्री लेकर विधिपूर्वक स्नान किया और भगवान जिमूतवाहन की पूजा-अर्चना की. स्नान के बाद महिलाओं ने अपने पितरों को अर्ध्य अर्पित किया और चिल्हो सियारिन एवं राजा जिमूतवाहन की कथा सुनी. यह पर्व अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है, जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत, जिउतिया या जितिया के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से संतान दीर्घायु और निरोगी रहती है. महिलाएं पूरे दिन निर्जल रहकर व्रत का पालन करती हैं और अगली सुबह सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करती हैं. हालांकि श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी संख्या के बावजूद प्रशासनिक तैयारियों में कमी दिखाई दी. जिले के किसी भी प्रमुख घाट पर गोताखोर या सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी, जिससे संभावित दुर्घटनाओं का खतरा बना रहा. गुरुवार को सूर्योदय के साथ व्रत का पारण कर महिलाएं फलाहार ग्रहण करेंगी.

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