भाई की हत्या के दो दोषियों को उम्रकैद
एडीजे द्वितीय सुधीर सिन्हा के न्यायालय ने शुक्रवार को हत्या के एक मामले में ट्रायल शुरू होने के सिर्फ तीन महीने के भीतर ही फैसला सुनाकर एक मिसाल पेश की है.
जमुई. एडीजे द्वितीय सुधीर सिन्हा के न्यायालय ने शुक्रवार को हत्या के एक मामले में ट्रायल शुरू होने के सिर्फ तीन महीने के भीतर ही फैसला सुनाकर एक मिसाल पेश की है. अदालत ने भाई की हत्या के आरोप में दो अभियुक्त जागेश्वर यादव और उसकी पत्नी अर्चना देवी को उम्रकैद की सजा सुनायी है. साथ ही दोनों पर 20-20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
भाई ने की थी भाई की हत्या
मामला 25 अक्तूबर 2024 का है. ग्राम तेतरिया, थाना सोनो निवासी सूचक बोढ़न यादव ने अपने बयान में बताया था कि उसका बड़ा बेटा जागेश्वर यादव टांगी लेकर उस पर हमला करने के लिए दौड़ा. उसी दौरान छोटा बेटा योगेंद्र यादव बीच-बचाव करने आया तो जागेश्वर ने उस पर टांगी से वार कर दिया. वार सीधे माथे पर लगा, जिससे योगेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया. घायल को पहले सोनो अस्पताल, फिर जमुई और बाद में पटना मेडिकल कॉलेज भेजा गया, लेकिन इलाज के दौरान 12 नवंबर 2024 को उसकी मौत हो गयी. जांच में यह बात सामने आयी कि हत्या में प्रयुक्त टांगी जागेश्वर की पत्नी अर्चना देवी ने उसे दी थी.स्पीडी ट्रायल में मिला फैसला
इस मामले में सोनो थाना कांड संख्या 359/24 दर्ज की गयी थी. बाद में सत्र वाद संख्या 298/25 के रूप में 31 जुलाई 2025 से स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई शुरू हुई. अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी मनोज कुमार सिंह, जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता चमरू तांती और मुन्ना सिंह ने पैरवी की. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1), 3/5 के तहत दोषी पाया और उम्रकैद की सजा सुनायी. अदालत का यह निर्णय न केवल न्याय की त्वरित प्रक्रिया का उदाहरण है, बल्कि स्पीडी ट्रायल प्रणाली की प्रभावशीलता को भी दर्शाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
