महज तीन कमरे व चार शिक्षकों के भरोसे 439 बच्चों का भविष्य

मध्य विद्यालय चरकापत्थर में आज कुल 439 छात्र छात्राएं वर्ग एक से आठ तक की पढ़ाई करते हैं. लेकिन इतनी संख्या में स्कूल आ रहे बच्चों के लिए महज तीन वर्ग कक्ष हैं और पढ़ाने के लिए प्रभारी प्रधानाध्यापक समेत महज चार शिक्षक.

By PANKAJ KUMAR SINGH | August 25, 2025 9:45 PM

सोनो . कभी अति नक्सल प्रभावित रहे चरकापत्थर के मुख्य स्थल पर स्थित मध्य विद्यालय अब छात्र छात्राओं से चहक रहा है. लेकिन उनके लिए सुविधाएं पूरी तरह उपलब्ध नहीं है. कभी नक्सलियों का निशाना बना यह विद्यालय आज भी विभागीय उपेक्षा का दंश झेल रहा है. नक्सल गतिविधियों से बाहर हो चुके इस क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है, परंतु शिक्षा को लेकर अब भी यह इलाका प्रशासनिक उदासीनता का शिकार है. मध्य विद्यालय चरकापत्थर में आज कुल 439 छात्र छात्राएं वर्ग एक से आठ तक की पढ़ाई करते हैं. लेकिन इतनी संख्या में स्कूल आ रहे बच्चों के लिए महज तीन वर्ग कक्ष हैं और पढ़ाने के लिए प्रभारी प्रधानाध्यापक समेत महज चार शिक्षक. अब ऐसे में दूरस्थ क्षेत्र के इन बच्चों की पढ़ाई किस तरह होती होगी यह समझा जा सकता है. इस विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक कैलाश प्रसाद सिंह बताते है कि वर्ग एक से पांच तक में 176 विद्यार्थी है जबकि वर्ग छह से आठ तक में 263 विद्यार्थी है. इस तरह स्कूल में कुल 439 विद्यार्थी नामांकित है और यहां की उपस्थिति भी अत्यधिक है. विद्यालय में विद्यार्थी तो अधिक है लेकिन उनके अनुपात में शिक्षक और वर्ग कक्ष नहीं है. वर्ग एक से पांच तक के लिए तीन शिक्षक है और वर्ग आठ के लिए मात्र एक शिक्षक है. इसी चार शिक्षक के भरोसे 439 विद्यार्थी है. इसमें भी प्रभारी प्रायः कार्यालय कार्य के कारण व्यस्त ही रहते है लिहाजा तीन शिक्षक के कंधे पर इन विद्यार्थियों के पढ़ाई की जिम्मेदारी है. प्रभारी बताते है कि विद्यालय भवन में पांच कमरे है जिसमें एक तो कार्यालय है और एक में मध्याह्न भोजन के राशन व अन्य सामग्री को रखा जाता है. शेष तीन कमरे में ही आठ वर्ग तक की पढ़ाई होती है. अभिभावक भी समय समय पर वर्ग कक्ष और शिक्षक की मांग करते रहे है. बुद्धिजीवियों का कहना है कि विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए यहां कम से कम दस शिक्षक और हर वर्ग के लिए अलग वर्ग कक्ष के लिहाज से आठ वर्ग कक्ष चाहिए.

प्रभारी ने डीईओ और बीईओ से की शिक्षक व भवन की मांग

विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक कैलाश प्रसाद सिंह ने 25 अगस्त को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर कम से कम पांच शिक्षकों की मांग की है. इससे पूर्व उन्होंने बीते एक अगस्त को जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी पत्र लिखकर विद्यालय में शिक्षकों की कमी की जानकारी देते हुए पांच शिक्षकों की मांग की थी. परंतु अब तक इस विद्यालय में न तो शिक्षकों की कमी को पूरा किया गया और न ही वर्ग कक्ष की व्यवस्था हेतु भवन निर्माण की दिशा में कोई निर्णय लिया गया.

डेढ़ दशक पूर्व नक्सलियों ने उड़ाया था विद्यालय भवन

आजादी के पूर्व 1945 ई में स्तीत्व में आये इस महत्वपूर्ण विद्यालय में बाद के समय में भवन का निर्माण भी होता रहा था. दो दशक पूर्व शिक्षा विभाग की ओर से इस विद्यालय में भी भवन बनाया गया था, लेकिन छह फरवरी 2011 को नक्सलियों ने विस्फोटक लगाकर इस विद्यालय भवन को उड़ा दिया था. इस घटना में विद्यालय भवन ध्वस्त हो गया था और इसमें किसी तरह के कार्य संभव नहीं रहे. आज भी यह ध्वस्त विद्यालय भवन उस भयानक घटना का गवाह बना पड़ा हुआ है. नक्सल की आग में झुलस रहे इस इलाके में उस वक्त शिक्षा का यह मंदिर नक्सलियों को रास नहीं आया था. तब इस विद्यालय का दोष सिर्फ इतना था कि यह विद्यालय भवन पुलिस व सुरक्षा बलों का आश्रय स्थल बना था.

कोट

इस विद्यालय में शिक्षक व वर्ग कक्ष की कमी की बात संज्ञान में आया है. एक दो सप्ताह में वहां शिक्षकों की कमी को दूर कर दिया जायेगा, साथ ही इस विद्यालय को नया भवन भी जल्द ही दिया जायेगा.

श्याम कुमार, बीईओ, सोनो

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