जनसंख्या स्थिरीकरण विकास की रीढ़ – प्रो गौर शंकर

केकेएम कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग की ओर से विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर गुरुवार को भारत में जनसंख्या स्थिरीकरण और आर्थिक विकास विषय पर परिचर्चा की गयी.

By PANKAJ KUMAR SINGH | July 11, 2025 6:36 PM

जमुई. केकेएम कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग की ओर से विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर गुरुवार को भारत में जनसंख्या स्थिरीकरण और आर्थिक विकास विषय पर परिचर्चा की गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता पीजी अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो गौरी शंकर पासवान ने की. अपने संबोधन में प्रो पासवान ने कहा कि भारत की तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या देश के आर्थिक, सामाजिक व पर्यावरणीय संसाधनों पर भारी दबाव डाल रही है. भारत आज जनसंख्या के मामले में विश्व में पहले स्थान पर पहुंच गया है. 1 जुलाई 2025 तक देश की जनसंख्या 146.4 करोड़ को पार कर चुकी है, जबकि चीन की जनसंख्या 141 करोड़ ही है. उन्होंने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण के बिना संतुलित आर्थिक विकास संभव नहीं है. जनसंख्या में हो रही तेज वृद्धि गरीबी, बेरोजगारी और खाद्यान्न संकट को जन्म दे रही है. उन्होंने कहा कि जहां नारी शिक्षित है, वहां जनसंख्या नियंत्रित है. संयम और विवेक जनसंख्या नियंत्रण के सर्वोत्तम उपाय हो सकते हैं. परिचर्चा को संबोधित करते हुए प्रो सरदार राम ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण केवल महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं है, पुरुषों की समान भागीदारी आवश्यक है. जब तक जनसंख्या की रफ्तार, संसाधनों और योजनाओं से अधिक तेज होगी, तब तक विकास खोखला रहेगा. डॉ देवेंद्र कुमार गोयल ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण धार्मिक या राजनीतिक नजरिए से नहीं, बल्कि मानवता और भविष्य की जिम्मेदारी के रूप में देखा जाना चाहिए. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और जनसंख्या नियंत्रण को राष्ट्रीय प्राथमिकता बताते हुए जनजागरूकता पर बल दिया.

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