जमुई के ओमप्रकाश सिंह बने हरियाणा के डीजीपी, लोगो ने जताया हर्ष
प्रखंड के नुमर गांव के लाल और आईपीएस अधिकारी ओमप्रकाश सिंह को हरियाणा राज्य का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है.
बरहट. प्रखंड के नुमर गांव के लाल और आईपीएस अधिकारी ओमप्रकाश सिंह को हरियाणा राज्य का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है. यह खबर मिलते ही उनके पैतृक गांव नुमर सहित पूरे प्रखंड और जिले में खुशी की लहर दौड़ गयी. ग्रामीणों ने मिठाइयां बांटकर एक-दूसरे को बधाई दी और ओपी सिंह की उपलब्धि पर गर्व जताया.
गांव से लेकर डीजीपी तक का प्रेरणादायक सफर
ओमप्रकाश सिंह की प्रारंभिक शिक्षा उनके पैतृक गांव नुमर में ही हुई. इसके बाद उन्होंने मैट्रिक परीक्षा उच्च विद्यालय मलयपुर से व ग्रेजुएशन केकेएम कॉलेज जमुई से पूरी की. आगे की पढ़ाई और संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी के लिए वे दिल्ली गए, जहां उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास कर भारतीय पुलिस सेवा में जगह बनायी.
तेज-तर्रार व अनुशासित अधिकारी के रूप में पहचान
ओपी सिंह की गिनती देश के तेज-तर्रार और सख्त मिजाज पुलिस अधिकारियों में होती है. वे अपने कार्यकुशलता और अनुशासन के लिए प्रसिद्ध हैं. पुलिस सेवा के साथ-साथ उनका झुकाव खेल और साहित्य की ओर भी रहा है. उन्होंने सेयसटू स्पोर्ट्स सहित अंग्रेजी में दो पुस्तकें लिखी हैं, जो उनके बौद्धिक व्यक्तित्व और भाषा पर गहरी पकड़ को दर्शाती हैं.
महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ बड़ी चुनौती
हरियाणा सरकार ने हाल ही में आइपीएस वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामले में कार्रवाई करते हुए पूर्व डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया है. इसके बाद ओमप्रकाश सिंह को राज्य का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है. मृतक वाई पूरन कुमार की पत्नी और कई दलित संगठनों द्वारा डीजीपी और एसपी को हटाने की मांग के बाद यह फैसला लिया गया. इससे पहले सरकार ने रोहतक के एसपी का तबादला भी कर दिया था.सुशांत सिंह राजपूत केस में भी रहे सक्रिय
गौरतलब है कि ओपी सिंह अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत मामले में भी कानूनी रूप से सक्रिय रहे हैं. उनकी निष्पक्ष और निडर छवि ने उन्हें पुलिस सेवा में एक अलग पहचान दिलाई है.जिले में खुशी का माहौल
ओपी सिंह की इस सफलता से बरहट और जमुई जिले में हर्ष का माहौल है. ग्रामीणों ने कहा कि यह जिले के लिए गौरव का क्षण है. गांव के लोगों ने बताया कि बचपन से ही ओपी सिंह मेहनती, अनुशासित और लक्ष्य के प्रति समर्पित रहे हैं. आज उनकी उपलब्धि ने यह साबित कर दिया कि गांव से निकलकर भी ऊंचाइयां हासिल की जा सकती हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
