स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने से बढ़ेगा स्वरोजगार और रुकेगा पलायन -निर्भय प्रताप
जिले के गांव-गांव, गली-गली, चौक-चौराहे तिरंगे के सम्मान में भावित हो रहे हैं. बीते दस दिनों से समाजसेवी निर्भय प्रताप सिंह के नेतृत्व में चल रही राष्ट्र गुणगान तिरंगा यात्रा ने जमुई के चप्पे-चप्पे में देशभक्ति का नया संचार कर दिया है.
जमुई . जिले के गांव-गांव, गली-गली, चौक-चौराहे तिरंगे के सम्मान में भावित हो रहे हैं. बीते दस दिनों से समाजसेवी निर्भय प्रताप सिंह के नेतृत्व में चल रही राष्ट्र गुणगान तिरंगा यात्रा ने जमुई के चप्पे-चप्पे में देशभक्ति का नया संचार कर दिया है. इस यात्रा में महिलाएं, युवा, बुजुर्ग, बच्चे सभी भागीदारी निभा रहे हैं और स्वदेशी अपनाने व विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने का संकल्प ले रहे हैं. निर्भय प्रताप सिंह ने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य देशवासियों में स्वदेशी के प्रति जागरूकता, आत्मनिर्भरता और तिरंगे के सम्मान को जन-जन तक पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि यदि हम स्वदेशी वस्तुओं को अपनाएं, तो देश का पैसा देश में रहेगा, स्वरोजगार बढ़ेगा और पलायन रुकेगा. गांव के किसान अपनी उपज से बने उत्पाद को स्थानीय बाजार में बेचकर न केवल आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि राष्ट्र को भी मजबूत करेंगे.
अब तक 200 किलोमीटर की पदयात्रा, 50 हजार से अधिक लोगों की भागीदारी
अब तक यह तिरंगा यात्रा 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी है और 50 हजार से अधिक लोग इसमें शामिल हो चुके हैं. यात्रा ने ग्रामीणों के बीच नई ऊर्जा और राष्ट्रप्रेम का संचार किया है. आगरा, बरबट्टा, चौडिहा, आमिन, अभयपुर सहित दर्जनों गांवों में लोगों ने घर-घर से निकलकर तिरंगे के सम्मान में अपनी भागीदारी दी है. तिरंगा यात्रा अब शहरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि गांव की चौपालों, गलियों और पगडंडियों से होकर आम जनमानस तक पहुंच चुकी है. इस अभियान में शामिल युवाओं ने बताया कि वे पहले समय यूं ही बिताते थे, लेकिन अब वे तिरंगा लेकर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. इस यात्रा को विभिन्न जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिलाओं का व्यापक सहयोग मिल रहा है. पूर्व मुखिया चंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने यात्रा में भाग लिया और घर-घर सहयोग किया.नयी क्रांति का आगाज
तिरंगा यात्रा के जरिये जमुई में स्वदेशी अपनाओ, विदेशी भगाओ का नारा बुलंद हो चुका है. यह यात्रा अब केवल पदयात्रा नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन बन गयी है जो आत्मनिर्भर भारत और राष्ट्रप्रेम की भावना को मजबूती दे रहा है.महिलाओं की अहम भूमिका, प्रेरणादायक बना है यह आंदोलन
इस अभियान में महिलाओं की भूमिका भी अहम रही है. गीता भारती, सपना कुमारी, दुर्गा कुमारी, शोभा कुमारी, इंदु देवी, बिंदु देवी, कालू कुमारी, काजल कुमारी, काजल शर्मा, निभा देवी, विभा देवी, सकीना प्रवीण, आंजना पांडेय जैसी अनेक महिलाएं नेतृत्व में हैं और कंधे से कंधा मिलाकर इस आंदोलन को आगे बढ़ा रही हैं. समाजसेवियों की टोली में नंदलाल सिंह, रमन कुमार सिंह, रंजीत कुमार यादव, राहुल कुमार सिंह, पुरुषोत्तम कुमार सिंह, रणवीर शर्मा, विकास कुमार भगत, प्रवीण कुमार सिंह, डोमन मांझी, विजय रजक, राकेश कुमार पासवान सहित कई अन्य लोग यात्रा की सफलता में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
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