पहले गूंजती थी बंदूक की आवाज, 25 साल बाद अब बजेगी लोकतंत्र की घंटी
एक समय था जब बरहट थाना क्षेत्र के चोरमारा व गुरमाहा इलाकों में नक्सलियों की बंदूकें गरजती थीं.
बरहट . एक समय था जब बरहट थाना क्षेत्र के चोरमारा व गुरमाहा इलाकों में नक्सलियों की बंदूकें गरजती थीं. चारों ओर दहशत का माहौल था. नक्सली फरमान और वोट बहिष्कार की धमकी से ग्रामीण वर्षों तक अपने गांव के मतदान केंद्र पर वोट नहीं डाल पाते थे, लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है. करीब 25 साल बाद पहली बार चोरमारा के लोग अपने गांव के ही मतदान केंद्र पर वोट डालेंगे. इस बार विधानसभा चुनाव में प्राथमिक विद्यालय चोरमारा स्थित मतदान केंद्र संख्या 220 पर कुल 1011 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. गांव में लोकतंत्र की यह नयी सुबह उत्साह लेकर आयी है. ग्रामीणों में मतदान को लेकर जोश चरम पर है, हालांकि विकास कार्यों की धीमी रफ्तार को लेकर उनके चेहरे पर नाराजगी भी झलक रही है.
कभी नक्सलियों का गढ़, अब लोकतंत्र का केंद्र
वर्ष 2000 के बाद चोरमारा इलाके में नक्सल गतिविधियां तेज हो गयी थीं. सुरक्षा कारणों से यहां का मतदान केंद्र कई बार बदला गया. पहले मतदाता वन विभाग आश्रम गुरमाहा में वोट डालते थे, बाद में कुकुरझप डैम स्थित विश्रामालय भवन और फिर उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोयवा में मतदान केंद्र स्थानांतरित कर दिया गया. इस बदलाव के कारण ग्रामीणों को मतदान के लिए 30 से 35 किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता था. दूरी और भय के कारण कई लोग वोट नहीं डाल पाते थे. परिवर्तन की शुरुआत तब हुई जब फरवरी 2022 में सीआरपीएफ की 215वीं बटालियन का कैंप चोरमारा में स्थापित हुआ. इसके बाद पांच मार्च को पुलिस-प्रशासन द्वारा सिविक एक्शन प्रोग्राम आयोजित किया गया. इसमें जिला प्रशासन व सीआरपीएफ अधिकारियों ने क्षेत्र के विकास की रूपरेखा तय की. आखिरकार जून 2025 में हार्डकोर नक्सली अर्जुन कोड़ा, बालेश्वर कोड़ा और नागेश्वर कोड़ा के आत्मसमर्पण के साथ नक्सलवाद की जड़ें पूरी तरह उखड़ गयीं. अब यह इलाका पूर्ण रूप से नक्सल मुक्त घोषित हो चुका है.
ग्रामीण बोले-अब विकास और शिक्षा पर देंगे वोट
प्रमोद कोड़ा, आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली बालेश्वर कोड़ा के पुत्र ने कहा, वर्षों बाद अपने गांव में मतदान होना हमारे लिए गर्व की बात है. इस बार हम विकास को मुद्दा बनायेंगे ताकि गांव की समस्याएं खत्म हो. भगिया देवी, चोरमारा निवासी ने बताया, हम हर चुनाव में मतदान करते हैं, लेकिन अब भी गांव में पानी, बिजली और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. अबकी बार इन मुद्दों पर वोट करेंगे. वहीं सपना देवी ने कहा, हम अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए मतदान करेंगे ताकि उन्हें शिक्षा और रोजगार के लिए भटकना न पड़े.
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
प्रखंड विकास पदाधिकारी सह निर्वाचित पदाधिकारी एसके पांडेय ने बताया कि चोरमारा में मतदान को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. मतदान केंद्र के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और अर्धसैनिक बलों की विशेष तैनाती की जाएगी. उन्होंने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि अधिक-से-अधिक संख्या में मतदान केंद्र पहुंचकर लोकतंत्र को मजबूती दें. अब चोरमारा की पहचान नक्सलियों के गढ़ के रूप में नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नई गूंज के रूप में होगी जहां अब बंदूक नहीं, मतदाताओं की आवाज गूंजेगी.
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